नई दिल्ली: भगवान हनुमान कलियुग के प्रधान देवताओं में शुमार होते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी ही कलियुग में जीवंत देवता है जो अपने भक्तों के हर कष्टों को दूर करते हैं और उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। आज के समय में हनुमानजी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवी-देवताओं में से एक हैं। इन्हें प्रसन्न करने के कई उपाय काफी पुराने समय से चले आ रहे हैं। इन उपायों से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं और सुख-समृद्धि, धन-दौलत की प्राप्ति होती है। आज यानी 22 अप्रैल को हनुमान जयंती देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है।
शास्त्रों के मुताबिक किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिए हमें हर रोज रात के समय हनुमानजी के सामने तेल का दीपक लगाना चाहिए। दीपक सूर्यास्त के बाद रात के समय जलाना ज्यादा लाभप्रद होता है। इस उपाय में मिट्टी के दीपक का ही प्रयोग करना चाहिए। दीपक में रूई की बत्ती और सरसो का तेल डालने के बाद हनुमानजी के मंत्रों का जप करते हुए दीपक जला दें और श्रद्धापूर्वक उनकी अराधना करें। साथ ही हनुमान जी को प्रसन्न करने का एक अकाट्य और अद्वितीय उपायों की पौराणिक ग्रंथों में चर्चा है। हनुमान जयंती के दिन से या फिर किसी मंगलवार से इस उपाय को चालीस दिन तक लगातार करना चाहिए। रोजाना सूर्यास्त के बाद हनुमान मंदिर में एक घी का दीया जलाना चाहिए। चालीस दिन की अवधि पूर्ण होने पर आप उस दिन हनुमान जी की यथासंभव विशेष अराधना करे। आपकी जो भी मनोकामना है वह जरूरी पूरी होती है। ध्यान रहे चालीस दिन के अंतराल में यह प्रयोग किसी भी दिन छूटना नहीं चाहिए।
साथ ही बजरंग बली हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का रोजाना पाठ करने से भी प्रसन्न होते हैं। हर रोज या हर मंगलवार और शनिवार को चालीसा का पाठ करना चाहिए। साथ ही गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस के सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमानजी बहुत जल्द शुभातिशुभ और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। हनुमानजी को हर मंगलवार या शनिवार को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करना चाहिए। सिंदूर बजरंगबली को अत्यंत प्रिय है और जो भक्त उन्हें सिंदूर अर्पित करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।