DNA with Sudhir Chaudhary: एक और आयातित नेता ने त्यागी कांग्रेस, हार्दिक पटेल के इस्तीफे के क्या मायने?
DNA with Sudhir Chaudhary: हाल ही में राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर हुआ था, जिसमें पार्टी संगठन और उसकी नीतियों की चर्चा हुई थी. लेकिन हमें लगता है कि अब कांग्रेस को चिंतन शिविर करने के बजाय चिंता करने की ज़रूरत है. क्योंकि अगर इस तरह से एक-एक करके सभी नेता कांग्रेस को छोड़कर जाते रहे तो कांग्रेस में केवल नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ही बचेंगे.
DNA with Sudhir Chaudhary: अब हम आपको गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल का वो इस्तीफा दिखाएंगे, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की कड़वी सच्चाई लिखी है. हार्दिक पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जो इस्तीफा भेजा है, उसमें दो बड़ी बातें लिखी हैं. पहली ये कि कांग्रेस पार्टी ने खुद को मोदी सरकार के विरोध तक सीमित कर लिया है. यानी देश में मुद्दा चाहे कोई भी हो, कांग्रेस का मकसद केवल मोदी सरकार का विरोध करना है.
नेताओं को चिकन सैंडविच की चिंता
दूसरा- गुजरात के कांग्रेस नेताओं को पार्टी संगठन से ज्यादा इस बात की चिंता रहती है कि दिल्ली से आने वाले नेता को उनका Chicken Sandwich मिला या नहीं. यहां हार्दिक पटेल ने राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन ये बात राहुल गांधी पर ही फिट बैठती है.
आपको याद होगा राहुल गांधी को लेकर इसी तरह की बातें असम के मौजूदा मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने 2016 में बताई थीं, जब वो कांग्रेस से अलग हुए थे. तब उन्होंने बताया था कि वो एक बार राहुल गांधी से मिलने गए तो वो अपने कुत्ते को बिस्किट खिला रहे थे और बाद में वही बिस्किट उन्होंने खुद खा लिया था.
फेल हुआ कांग्रेस का प्रयोग
गुजरात में इसी साल विधान सभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में हार्दिक पटेल के इस्तीफे से आज कांग्रेस को बहुत निराशा हुई होगी. क्योंकि कांग्रेस ने अलग-अलग राज्यों में नेताओं को बाहर से Import करने का जो प्रयोग किया था, वो आज पूरी तरह फेल हो चुका है. यानी अभी कांग्रेस की स्थिति ये है कि उसके अपने नेता भी पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं और जिन नेताओं को राहुल गांधी ने बाहर से आयात किया था, वो भी कांग्रेस में नहीं रहना चाहते.
हाल ही में राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर हुआ था, जिसमें पार्टी संगठन और उसकी नीतियों की चर्चा हुई थी. लेकिन हमें लगता है कि अब कांग्रेस को चिंतन शिविर करने के बजाय चिंता करने की ज़रूरत है. क्योंकि अगर इस तरह से एक-एक करके सभी नेता कांग्रेस को छोड़कर जाते रहे तो कांग्रेस में केवल नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ही बचेंगे. हालांकि इस इस्तीफे के बाद हार्दिक पटेल को महान समझना भी बहुत बड़ी भूल होगी.
हार्दिक बनना चाहते हैं महान
आज भले हार्दिक पटेल राजनीति में नैतिक मूल्यों की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं. लेकिन सच ये है कि 2017 के विधान सभा चुनाव से पहले उनकी एक CD सामने आई थी, जिससे उनका असली चरित्र भी पता चलता है. बड़ी बात ये है कि गुजरात में बिना परमिट शराब पीने वाले हार्दिक पटेल आज चिकन सैंडविच को बड़ा मुद्दा बना कर कांग्रेस पार्टी छोड़ देते हैं और खुद को महान बताने की कोशिश करते हैं.
जबकि सच ये है कि हार्दिक पटेल गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष बनना चाहते थे और जुलाई 2020 में उन्हें पार्टी ने राज्य कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष भी बना दिया था. लेकिन जब ये जिम्मेदारी उन्हें पूर्ण रूप से नहीं मिली तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला ले लिया. इसलिए इस इस्तीफे के बाद ये समझना कि हार्दिक पटेल महान हो गए हैं तो ये पूरी तरह गलत होगा.