हरियाणा: आंदोलन करने की तैयारी कर रहे किसान, बीजेपी-जेजेपी सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
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हरियाणा: आंदोलन करने की तैयारी कर रहे किसान, बीजेपी-जेजेपी सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

किसानों से जुड़े मुद्दे आने वाले दिनों में हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं.

हिसार में बैठक करते किसान नेता

हिसार: किसानों से जुड़े मुद्दे आने वाले दिनों में हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. दरअसल, अखिल भारतीय किसान सभा ने पूरे हरियाणा के किसानों को प्रदेश की राजनीतिक राजधानी माने जाने वाले जींद में जुटने का न्यौता दिया है. किसानों ने बाकायदा इसके लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

वहीं किसान नेताओं ने आने वाले बजट में किसानों के लिए कर्ज माफ करने और फसलों का उचित मूल्य देने जैसे प्रावधानों को लागू करने की भी सरकार से मांग की है. हरियाणा में किसान अपनी मांगों को लेकर बड़े आंदोलन की रूप रेखा तैयार करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में रविवार को हिसार में भी किसानों ने एकजुट होकर रणनीति बनाई है. किसानों के संगठन अखिल भारतीय किसान सभा बाकायदा जिलावार बैठक कर जींद पहुंचने का न्यौता दे रहा है. सभा के नेशनल लेवल और स्टेट लेवल के पदाधिकारी आज हिसार में जुटे, रणनीति बनाई गई.

अखिल भारतीय किसान सभा के नेशनल वाइस प्रेजिडेंट हरपाल सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले हरियाणा में जो वादे वर्तमान सरकार के नुमाइंदों ने किए थे, उनमें से तमाम वादे अधूरे पड़े हैं. ना स्वामीनाथन आयोग की​ सिफारिशें लागू हो पाई हैं और ना ही दूसरी स्कीम का किसानों को फायदा मिल पाया है. 

आज भी किसान कर्ज तले दबा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की अगर बात की जाए तो आज आवारा पशुओं की समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया. हालात यह हैं कि सरकार ने गौ संवर्धन की बात की, लेकिन प्रदेश में फसल को चट करने वाले आवारा पशुओं पर लगाम नहीं लगा पाई. इसके अलावा मंडियों में बुरा हाल है. ना तो उनकी फसलों का दाम मिल पा रहा है और ना ही उनकी मंडी में फसल समय पर बिक पा रही है. किसान नेताओं ने ऑनलाइन ट्रेडिंग पर भी सवाल उठाएं हैं.

आंदोलन हुआ तो सरकार को परेशानी होगी 

किसान नेताओं का उग्र रूप आने वाले दिनों में बीजेपी—जेजेपी दोनों के लिए ही परेशानी भरा हो सकता है. बैठक लेने पहुंचे किसान नेता हरपाल सिंह, सुबे सिंह ने कहा कि भले ही जेजेपी अब बीजेपी की साथी बन गई हो, लेकिन हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को अपनी पुरानी बात याद करनी चाहिए.

उन्होंने दुष्यंत चौटाला को पेंशन वृद्धि के अलावा किसानों के कर्जे माफ करने जैसे वायदे को याद करने की नसीयत दी है. किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा के हर जिलों में बैठकों का दौर चल रहा है. आंदोलन की हुंकार का ऐलान हरियाणा की राजनीतिक राजधानी माने जाने वाले जींद से 7 मार्च को करेंगे. 

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बजट को लेकर भी सरकार से उठाई मांग

केंद्रीय सरकार बजट पेश करने की तैयारी में है. इस पर भी किसान नेताओं ने अपनी बातें रखी हैं. किसान नेता एवं अखिल भारतीय किसान सभा के स्टेट प्रेजिडेंट मास्टर शेर सिंह और नेशनल वाइस प्रेजिडेंट हरपाल सिंह ने कहा कि ​बीजेपी को अपने चुनावी घोषणा पत्र को याद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों के कर्जे माफ करने की बात हो या फिर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिए किसानों के हो रहे शोषण की बात.

इन तमाम पहलुओं पर सरकार को सोचना चाहिए और किसानों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और पेंशन जैसी योजनाओं को फायदा पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है. किसानों ने विशेष तौर पर किसान कोष बनाए जाने की सरकार से मांग की है.

जींद में किसानों द्वारा जो सम्मेलन बुलाया गया है, दावा है कि इसमें प्रदेशभर के किसान जुटेंगे. किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि या तो प्रदेश सरकार अपना रवैया किसानों के प्रति बदल ले, नहीं तो आने वाले समय में किसान सड़कों पर उतरने से गुरेज नहीं करेगा. फिलहाल देखना यह होगा कि सरकार किसानों के इस रुख को लेकर क्या कदम उठाती है. 

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