अयोध्या मामले पर बोले हाशिम अंसारी, 'जल्द सुलझे राम मंदिर का मामला, मुलायम से भी करूंगा बात'
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अयोध्या मामले पर बोले हाशिम अंसारी, 'जल्द सुलझे राम मंदिर का मामला, मुलायम से भी करूंगा बात'

अयोध्या बाबरी मस्जिद मामले में मुख्य पक्षकार हाशिम अंसारी ने आज (शनिवार) कहा कि राम मंदिर का मामला जल्द सुलझाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले के हल के लिए समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करूंगा।

अयोध्या मामले पर बोले हाशिम अंसारी, 'जल्द सुलझे राम मंदिर का मामला, मुलायम से भी करूंगा बात'

फैजाबाद/नई दिल्ली: अयोध्या बाबरी मस्जिद मामले में मुख्य पक्षकार हाशिम अंसारी ने आज (शनिवार) कहा कि राम मंदिर का मामला जल्द सुलझाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले के हल के लिए समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करूंगा।

इस पुहले बुधवार को उन्होंने इस मामले से हटने का निर्णय लिया था। यानी हाशिम अंसारी ने मुकदमे की पैरवी नहीं करने का फैसला लिया था। उन्होंने बुधवार को यह कहकर सबको चौंका दिया था कि वे अब रामलला को आजाद देखना चाहते हैं। इस मामले में हो रही सियासत से दुखी होने की बात उन्होंने कही थी।

अंसारी ने कहा था कि रामलला तिरपाल में रह रहे हैं और उनके नाम पर राजनीति करने वाले लोग महलों में रह रहे हैं। चाहे हिंदू नेता हो या मुस्लिम नेता, सब अपनी-अपनी सियासी रोटियों सेकने में लगे हैं। अंसारी ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खां को भी निशाने पर लिया और कहा कि बाबरी एक्शन कमेटी मुकदमे की पैरवी के लिए बनी थी। उस समय आजम खां भी साथ थे लेकिन अब वे मुलायम के पास चले गए।

अंसारी ने यह भी साफ किया था कि वह 6 दिसंबर को मुस्लिम संगठनों की ओर से आयोजित होने वाले शोक दिवस में शामिल नहीं होंगे। वह 6 दिसंबर को दरवाजा बंद कर घर में रहेंगे। इस मामले पर कांग्रेस का कहना है कि अंसारी ने राजनीतिक दबाव के चलते यह फैसला लिया है। रामजन्म भूमि के मुख्य पक्षकार पुजारी रामदास ने अंसारी के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अंसारी से सीख लेनी चाहिए।

उधर, बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी से एक दिन पहले शुक्रवार को दो मुस्लिम समूहों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की कि बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद से संबंधित सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट भेजा जाए और मांग की कि इसकी समयबद्ध सुनवाई हो। अखिल भारतीय बाबरी मस्जिद पुनर्निर्माण समिति और अखिल भारतीय मुस्लिम एकता मंच के सदस्यों ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर धरना दिया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय मुस्लिम समुदाय को मान्य होगा। प्रदर्शनकारियों ने विवादित स्थल पर मस्जिद को फिर से बनाने की मांग की और इसके बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन उनके संबंधित कार्यालयों को सौंपा गया।

छह दिसंबर यानी आज बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा विध्वंस की 22वीं बरसी है। 1992 में इसी तारीख को बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया था।
 

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