हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape) में पीड़िता का मेडिकोलीगल करने वाले AMU के 2 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है. दोनों डाक्टरों ने FSL रिपोर्ट पर मीडिया में बयान दे दिया था.
Trending Photos
अलीगढ़: हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape) में पीड़िता का मेडिकोलीगल करने वाले AMU के 2 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है. दोनों डाक्टरों ने FSL रिपोर्ट पर मीडिया में बयान दिया था. दोनों डॉक्टरों के नाम डॉक्टर अजीम मलिक और डॉक्टर ओबेद हक है. डॉक्टर मलिक ने कहा था कि इस रिपोर्ट के लिए सैंपल काफी समय बाद लिया गया था. इस पूर्व मामले में अब सीबीआई जांच शुरू होने के बाद AMU प्रशासन ने यह कार्रवाई की है.
इमरजेंसी एंड ट्रामा सेंटर में मेडिकल ऑफिसर थे डॉक्टर मलिक
हाथरस गैंग रेप पीड़िता के FSL रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले अलीगढ़ के डॉक्टर अजीम मलिक (Dr.Azeem Malik) को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (Jawahar Lal Nehru Medical college) की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. डॉ. मलिक उस अस्पताल में इमरजेंसी एंड ट्रॉमा सेंटर में मेडिकल ऑफ़िसर के पद पर तैनात थे. हाथरस पीड़िता की MLC रिपोर्ट भी इन्हीं की टीम ने बनाई थी. डॉ. मलिक के अलावा उनकी टीम के सहयोगी डॉ ओबेद हक को भी पद से बर्खास्त कर दिया गया है.
रिपोर्ट पर बयानबाजी से हुआ था विवाद
यूपी पुलिस ने पीड़िता की FSL रिपोर्ट के आधार पर कहा था कि पीड़िता के साथ रेप नही हुआ है. इस पर डॉ. मलिक ने कहा था कि FSL का सैंपल रेप के 11 दिन बाद लिया गया था, जबकि सरकारी गाइडलाइन्स के मुताबिक़ रेप के 96 घंटे के भीतर लिए सैंपल में ही रेप की पुष्टि हो सकती है.
हाथरस मामला
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras) में 14 सितंबर ऐसी हैवानियत सामने आई जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया. बताया जा रहा है कि 19 साल की लड़की के साथ पहले आरोपियों ने गैंगरेप (Gangrape) किया और उसके बाद उसकी जीभ काट दी ताकि वह किसी के सामने कुछ न बोल सके. इतना ही नहीं दरिदों ने उसके साथ मारपीट कर रीढ़ की हड्डी भी तोड़ दी. बाद में लड़की को अस्पताल में भर्ती तो कराया गया था. लेकिन 15 दिन के बाद पीड़िता ने 29 सितंबर को सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया.