मानहानि मामले में स्मृति ईरानी का समन रद्द, संजय निरुपम के लिए कोई राहत नहीं
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मानहानि मामले में स्मृति ईरानी का समन रद्द, संजय निरुपम के लिए कोई राहत नहीं

स्मृति ईरानी की ओर से निरुपम के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता को जारी समन रद्द करने से इंकार कर दिया.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानहानि के एक मामले में केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नाम जारी समन बुधवार को रद्द कर दिए. कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने ईरानी के खिलाफ यह मुकदमा दायर किया था. अदालत ने हालांकि, ईरानी की ओर से निरुपम के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता को जारी समन रद्द करने से इंकार कर दिया.

अदालत ने कहा कि निरुपम के खिलाफ मुकदमा चलेगा. न्यायमूर्ति आरके. गौबा ने दोनों नेताओं की याचिकाओं पर दो अलग-अलग फैसले दिए. ईरानी ने अपनी याचिका में निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ छह जून, 2014 में जारी समन रद्द करने का अनुरोध किया था. उन्होंने निरुपम की ओर से दायर शिकायत भी रद्द करने का अनुरोध किया था.

निरुपम ने ईरानी की ओर से दायर मानहानि के मुकदमे में 11 मार्च, 2013 को मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से उनके खिलाफ जारी समन रद्द करने का अनुरोध किया था. उन्होंने ईरानी की ओर से एक जनवरी, 2013 को की गई शिकायत रद्द करने का भी अनुरोध किया था. अदालत ने अपने फैसले या सूची में ईरानी और निरुपम के वास्तविक नाम नहीं दिए हैं. फैसले में ईरान को ‘पीक्यूआर’ कहा गया है वहीं निरुपम को ‘एक्सवाईजेड’ नाम दिया गया है.

दोनों फैसलों के पहले पैराग्राफ में न्यायाधीश ने कहा कि याचिका दायर करने वाले और जवाब देने वाले दोनों की लोग लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में हैं, सक्रिय राजनीति में हैं और राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं. अकसर एक-दूसरे के विरोध में रहते हैं. उनके हितों का ध्यान रखते हुए उनके नाम उजागर नहीं किए जा रहे हैं. अदालत ने इस संबंध में 13 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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