जम्मू कश्मीर में पुलवामा हमले जैसे वारदात दोहराने की फिराक में आतंकी, लेंगे मूसा की मौत का बदला!
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जम्मू कश्मीर में पुलवामा हमले जैसे वारदात दोहराने की फिराक में आतंकी, लेंगे मूसा की मौत का बदला!

नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया, "जानकारी को राज्य में आतंकवाद रोधी अभियानों में लगे सभी सुरक्षा बलों के साथ साझा किया गया है. हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है, हालांकि आगामी अमरनाथ यात्रा के चलते सुरक्षाबल पहले से ही अधिकतम अलर्ट पर है."

खुफिया जानकारी में कहा गया है कि अल कायदा एजीएच सरगना जाकिर मूसा की मौत का बदला लेने के लिए हमले की योजना बना रहा है.

नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में एक बड़े आतंकी हमले के बारे में खुफिया जानकारी, जिसे कथित तौर पर पाकिस्तान द्वारा साझा किया गया है, के बाद घाटी में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
अधिकारी ने कहा, खुफिया जानकारी में कहा गया है कि हाल ही में सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए अंसार गजावतुल हिंद (एजीएच) के सरगना जाकिर मूसा की मौत का बदला लेने के लिए अलकायदा की दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके में एक जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के दौरान या इससे पहले हमले को अंजाम देने की योजना है. 

पूरे राज्य में जारी किया गया हाई अलर्ट
नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया, "जानकारी को राज्य में आतंकवाद रोधी अभियानों में लगे सभी सुरक्षा बलों के साथ साझा किया गया है. हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है, हालांकि आगामी अमरनाथ यात्रा के चलते सुरक्षाबल पहले से ही अधिकतम अलर्ट पर है."

450 अतिरिक्त कंपनियों को किया गया तैनात
तीर्थयात्री अमरनाथ की पवित्र गुफा तक जाने के लिए जिस रास्ते से जाते हैं, वह रास्ता अवंतिपोरा से होकर गुजरता है. संभावित हमले की जानकारी को सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और राज्य पुलिस के साथ साझा किया गया है. उन्होंने कहा, "आगामी अमरनाथ यात्रा की समग्र सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की लगभग 450 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया जा रहा है. यह पहले से ही आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगी कंपनियों के अतिरिक्त कंपनियां हैं."

जाकिर मूसा की मौत का बदला लेने है कोशिश?
अधिकारी ने कहा, "खुफिया जानकारी में कहा गया है कि अल कायदा एजीएच सरगना जाकिर मूसा की मौत का बदला लेने के लिए हमले की योजना बना रहा है." उन्होंने कहा, "अगर ये जानकारी नहीं मिलती तो भी सुरक्षा में कमी करने का सवाल नहीं उठता." 14 फरवरी को, पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में 40 जवान मारे गए थे. इस हमले से भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया था.

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