नई दिल्ली : यूं तो इतिहास की हर तारीख अतीत को सहेज कर रखती है. इतिहास में आज की तारीख (History of 8 October) सिलसिले में चर्चा आठ अक्टूबर की हो तो शुरुआत भारत माता के वीर जवानों को सलाम करते हुए करेंगे क्योंकि आज भारतीय वायु सेना का स्थापन दिवस (Airforce Day) है. 

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भारतीय वायुसेना का स्थापना दिवस
वर्ष 1932 में आज के दिन वायु सेना की स्थापना हुई थी. इसे ब्रिटिश वायुसेना की सहायक विंग के रूप में तैयार किया गया था. 1945 में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान इसे रॉएल इंडियन एयर फोर्स (Royal Indian Air Force) कहा जाने लगा था. 


70 साल पहले बदला गया था नाम
1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद Royal शब्द को हटा दिया गया और इसका नाम इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) यानी भारतीय वायुसेना हो गया. आज भारतीय वायु सेना की 87 वीं वर्षगाठ पर हम अपने बहादुर सैनिकों को सलाम करते हैं.


हिन्दी के महानायक का महाप्रयाण
वर्ष 1936 में आज के दिन हिंदी साहित्य के महान लेखक मुंशी प्रेमचंद का निधन हुआ था. बांग्ला के प्रसिद्ध साहित्यकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था. मुंशी प्रेमचंद का असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था.लेकिन शुरुआत में वो अपनी कहानियां "नवाब राय" के नाम से लिखा करते थे. उर्दू पत्रिका 'जमाना' के संस्थापक मुंशी दया नारायण निगम ने उन्हें 'प्रेमचंद' नाम दिया था.


शुरुआती दौर में मुंशी प्रेमचंद वाराणसी के एक वकील के बेटे को हर महीने 5 रुपये के वेतन पर पढ़ाते थे.और बाद में वो 20वीं सदी के सर्वश्रष्ठ उपन्यासकार बन गए. प्रेमचंद ने 250 से ज़्यादा कहानियां और एक दर्जन से ज्यादा उपन्यास लिखे थे. गोदान, निर्मला, सेवा सदन और कर्मभूमि उनकी महान रचनाएं मानी जाती हैं.


संपूर्ण क्रांति के नायक का निधन
वर्ष 1979 में आज ही के दिन लोकनायक जयप्रकाश नारायण का निधन हुआ था. जयप्रकाश नारायण ने 1974 में संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था. उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार और बेरोजगारी तभी दूर हो सकती है, जब देश की संपूर्ण व्यवस्था को बदल दिया जाए. उनकी संपूर्ण क्रांति में 7 क्रांतियां शामिल थीं- राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक और आध्यात्मिक क्रांति. 


जयप्रकाश नारायण के आंदोलन के बीच ही 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में Emergency लागू कर दी थी. 21 महीनों के आपातकाल के बाद जब देश में चुनाव हुए तो कांग्रेस की हार हुई और देश में जनता पार्टी की सरकार बनी. आजादी के बाद कई मौके आए जब लोकनायक जय प्रकाश नारायण (JP) देश में कोई ऊंचा पद हासिल कर सकते थे,लेकिन उन्होंने खुद को सत्ता से दूर रखा.


बॉलीवुड के राजकुमार का जन्म
वर्ष 1926 में आज के दिन हिन्दी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता, राज कुमार का जन्म हुआ था. 1940 के दशक में मुंबई पुलिस में बतौर सब-इंस्पेक्टर काम करने वाले राज कुमार ने 1952 में फिल्म 'रंगीली' से अपना एक्टिंग करियर शुरू किया था. 4 दशक के करियर में उन्होंने 70 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया. 


इनमें वक्त, पाकीजा, हीर रांझा, हमराज, लाल पत्थर और मदर इंडिया जैसी फिल्में शामिल हैं. राज कुमार को आज भी उनकी शानदार डायलॉग डिलिवरी के लिए याद किया जाता है. हमारे देश की मौजूदा पीढ़ी के युवा शायद राजकुमार को ना जानते हों, लेकिन पुरानी पीढ़ी के लोग उनके संवाद और अभिनय के कायल रहे हैं.


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