हिजबुल कमांडर मूसा का ऑडियो, सीरिया-इराक की तर्ज पर कश्मीर में ख़लीफ़ा साम्राज्य कायम करने की बात
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हिजबुल कमांडर मूसा का ऑडियो, सीरिया-इराक की तर्ज पर कश्मीर में ख़लीफ़ा साम्राज्य कायम करने की बात

पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने कहा कि ऑडियो में सुनाई दे रही आवाज जाकिर मूसा की ही है.

हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर जाकिर मूसा. (फोटो यूट्यूब से लिया गया है)

श्रीनगर: कश्मीर में सोशल मीडिया में एक ऑडियो स्लाइडशो सामने आया है जिसमें हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर जाकिर मूसा अलगाववादी नेताओं को धमकी देने के साथ ही घाटी में इस्लामी खलीफा का साम्राज्य स्थापित करने की बात कर रहा है. पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने कहा कि ऑडियो में सुनाई दे रही आवाज जाकिर मूसा की ही है.

वैद्य ने बताया कि पुलिस ने स्वर विश्लेषण किया और मूसा के पहले के वीडियो और ऑडियो से उसका मिलान किया. उन्होंने कहा, ‘वह मूसा ही है.’ पांच मिनट 40 सेकेंड के क्लिप में कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को चेतावनी दी गई है कि वे जम्मू..कश्मीर में खलीफा का साम्राज्य स्थापित करने की मुहिम के बीच में नहीं आएं. इसमें कहा गया है कि सीरिया और इराक की तर्ज पर जम्मू कश्मीर में खलीफा का साम्राज्य स्थापित किया जाएगा.

यह क्लिप कश्मीर में आतंकवाद के खतरनाक रूप लेने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. कश्मीर में अभी तक प्रदर्शन मुख्यत: स्वतंत्रता या पाकिस्तान में विलय को लेकर होते रहे हैं और इसका जोर इस्लाम पर या जिहाद से जुड़ाव पर नहीं रहा है.

कश्मीर में 1989 में आतंकवाद की शुरूआत के साथ ही हिजबुल मुजाहिदीन का गठन हुआ था. समूह में लगभग सभी स्थानीय युवक हैं और इसने हमेशा पाकिस्तान में शामिल होने का अभियान चलाया. क्लिप में वक्ता अलगाववादियों से कहता है कि या तो आतंकवादियों के साथ लडें़ या सशस्त्र संघर्ष के बारे में बयान देने से बचें.

घाटी में आईएसआईएस के बढ़ते प्रभाव को हुर्रियत नेताओं द्वारा तवज्जो नहीं देने के बीच यह क्लिप सामने आयी है. हिजबुल मुजाहिदीन के सुप्रीम कमांडर सैयद सलाउद्दीन ने आज जारी बयान में कहा कि जम्मू..कश्मीर में आईएसआईएस, अल कायदा या तालिबान जैसे समूहों के लिए कोई स्थान नहीं है.

उसने कहा, ‘‘यह आंदोलन पूरी तरह स्थानीय और स्वदेशी है. इसका कोई अंतरराष्ट्रीय एजेंडा नहीं है. अल कायदा, दायेश या तालिबान की कश्मीर में कोई संलिप्तता या भूमिका नहीं है.’’ उर्दू भाषा के स्लाइडशो में इंडोनेशिया की जेल में बंद अबु बकर बशीर और यमन निवासी अनवर अल अवलाकी के उद्धरण हैं जिन्हें आईएसआईएस और अल कायदा की गतिविधियों का सरगना माना जाता है.

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