जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने वाले आतंकवादी अब हुर्रियत नेताओं को भी धमकाने लगे हैं. हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर जाकिर मूसा ने ऑडियो टेप जारी कर हुर्रियत नेताओं को धमकी दी है और उनकी भूमिका पर सवाल उठाया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मूसा ने धमकी देते हुए कहा है कि 'इस्लाम के लिए आतंकियों के संघर्ष में उन्होंने यदि दखल दिया तो उनका सिर काटकर लाल चौक पर लटका दिया जाएगा'.
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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने वाले आतंकवादी अब हुर्रियत नेताओं को भी धमकाने लगे हैं. हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर जाकिर मूसा ने ऑडियो टेप जारी कर हुर्रियत नेताओं को धमकी दी है और उनकी भूमिका पर सवाल उठाया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मूसा ने धमकी देते हुए कहा है कि 'इस्लाम के लिए आतंकियों के संघर्ष में उन्होंने यदि दखल दिया तो उनका सिर काटकर लाल चौक पर लटका दिया जाएगा'.
सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके इस वीडियो में मूसा ने कहा, 'मैं उन सभी पाखंडी हुर्रियत नेताओं को चेतावनी देता हूं. वे हमारे इस्लामिक संघर्ष में दखल न दें. यदि वे ऐसा करते हैं तो हम उनका सिर काटकर लाल चौक पर लटका देंगे.'
मूसा ने कहा कि कश्मीर आंदोलन इस्लाम के लिए है, ये राजनीतिक नहीं है. हम राजनीति के लिए नहीं बल्कि इस्लाम के लिए लड़ रहे हैं. मूसा के मुताबिक अलगाववादी नेता अपनी मौत से डरे हुए हैं और आतंकियों के खून पर राजनीति कर रहे हैं.आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जाकिर मूसा हिज्बुल का कमांडर बना है.
हुर्रियत नेताओं ने आईएसआईएस, अल-कायदा से बतायी है दूरी
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों ने दावा किया है कि उनके आंदोलन का आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों से कोई लेना-देना नहीं है. इन आतंकी संगठनों से खुद को अलग करते हुए सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासिन मलिक ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हमारे आंदोलन का इन विश्व स्तरीय समूहों से कोई लेना-देना नहीं है और वास्तव में राज्य में उनकी मौजूदगी नहीं है. हमारे आंदोलन में इन समूहों की कोई भूमिका नहीं है.