1 साल में कम हुए 2619 नक्सली, मार्च 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद; राज्यसभा में अमित शाह ने रखा आंकड़ा
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1 साल में कम हुए 2619 नक्सली, मार्च 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद; राज्यसभा में अमित शाह ने रखा आंकड़ा

Amit Shah in Rajya Sabha: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने तेवर के लिए पूरे देश में विख्यात हैं. संसद भवन के अंदर और बाहर दोनों जगह पर उनकी दहाड़ देखने को मिलती है. राज्यसभा में मंत्रालय के कामकाज का जवाब देते हुए उन्होंने ये बातें कही. 

1 साल में कम हुए 2619 नक्सली, मार्च 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद; राज्यसभा में अमित शाह ने रखा आंकड़ा

Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने तेवर के लिए पूरे देश में विख्यात हैं. संसद भवन के अंदर और बाहर दोनों जगह पर उनकी दहाड़ देखने को मिलती है. राज्यसभा में मंत्रालय के कामकाज का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने भाजपा सरकार की खूबियां गिनाई और कई बड़ी बातें कही. उन्होंने पीएम मोदी के कार्यकाल और कश्मीर की स्थिति को लेकर भी कई बातें कही. इसके अलावा उन्होंने नक्सलियों को लेकर आंकड़ा भी पेश किया. आइए जानते हैं. 

राज्यसभा में शाह का संबोधन 
सदन में जवाब देते हुए गृहमंत्री ने सबसे पहले देश की आजादी के लिए जान गंवाने वाले सिपाहियों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही कहा कि उनके बलिदान के बदौलत ही हम आजादी का 76वां वर्ष मना पाए, इसके अलावा उन्होंने शहीदों के परिजनों का भी आभार जताया. साथ ही कहा कि उनके बलिदान को कभी 140 करोड़ देश की जनता नहीं भुला सकती है. 

राज्यसभा में बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय बहुत ही विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है. उन्होंने अपराधों का जिक्र करते हुए कहा कि अपराध पर नियंत्रण लगाने का काम हमारी सरकार ने किया है और पिछले 10 सालों में कई सालों के परिवर्तन जो नहीं हुए थे उसे पीएम मोदी ने एक साथ करके राज्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने का काम किया. 

नवीनतम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
उन्होंने राज्यसभा में कहा, "मैं देश को बताना चाहता हूं कि 31 मार्च 2026 तक इस देश से नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा. नक्सलवादियों ने समानांतर सरकारें बनाई, समानांतर सरकारें चलाईं. नक्सलवाद को समाप्त करने के पीछे नरेंद्र मोदी सरकार का 10 साल का विजन है. इसके अलावा कहा कि हमने नवीनतम टेक्नोलॉजी के साथ नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई की है. इनके हर प्रकार के कम्युनिकेशन और आवाजाही का रेखांकन किया. ड्रोन और सैटेलाइट सर्विलांस किया. डाटा एनालिसिस करके अपने सुरक्षा बलों को लैस किया, जिसके आधार पर सुरक्षा बलों को कामयाबी मिली. 

कितने जिले बचे हैं 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन के मुकाबले अभी नक्सलवाद से जुड़ी हिंसक घटनाएं और सुरक्षाबलों के मारे जाने की संख्या में काफी कमी आई है. कांग्रेस शासनकाल में 126 जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे. अब ऐसे केवल 12 जिले बचे हैं. अगले वर्ष 31 मार्च तक ये जिले भी नक्सलवाद से मुक्त हो जाएंगे.  पहले नक्सल प्रभावित जिलों में एक भी नाइट लैंडिंग हेलीपैड नहीं थे. सुरक्षा बलों को मजबूती प्रदान करने के लिए ऐसे 68 नाइट लैंडिंग हेलीपैड बनाए गए हैं. नक्सलियों के कई करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं. हमने इन इलाकों में विकास के लिए बजट को 300 प्रतिशत तक बढ़ाने का काम किया है। हाईवे बनाए और ग्रामीण सड़कें बनाई हैं. मोबाइल टावर लगाए हैं. पूरा नक्सल एरिया अब मोबाइल कनेक्टिविटी से लैस है.

 

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