नक्सलियों के लिए शामत बनेंगे अमित शाह, मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर बनाया प्लान
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नक्सलियों के लिए शामत बनेंगे अमित शाह, मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर बनाया प्लान

लगता है अमित शाह (Amit shah) ने मन बना लिया है कि वह देश के भीतर रहकर विकास में बाधा बन रहे नक्सलियों के सफाए के लिए जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाएंगे.

नक्सल प्रभावित राज्यों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्रियों से मिले शाह.

नई दिल्ली: देशहित में सख्त और तत्काल फैसले लेने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) की नजर अब नक्सलियों पर पड़ गई है. लगता है शाह ने मन बना लिया है कि वह देश के भीतर रहकर विकास में बाधा बन रहे नक्सलियों के सफाए के लिए जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाएंगे. इसी कड़ी में सोमवार को अमित शाह (Amit shah) ने नक्सलवादी हिंसा से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने विद्रोही संगठनों के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा भी की. 

यहां आपको बता दें कि गृहमंत्री बनने के बाद से अमित शाह (Amit shah) फटाफट फैसले ले रहे हैं. उन्होंने झटके में जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म करा दिया. सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा इतनी चाक-चौबंद कर दी कि आतंकी चाहकर भी अपने मंसूबे को कामयाब नहीं बना पा रहे हैं. अब उन्होंने पहले बार नक्सलियों पर नजर टेढ़ी की है.

उन्होंने 10 नक्सलवादी प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इन 10 राज्यों में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश शामिल हैं.

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शाह ने यहां विज्ञान भवन में आयोजित बैठक के दौरान इन राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों से मुलाकात की. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी भी बैठक में शामिल हुए.

बैठक में गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, आईबी प्रमुख अरविंद कुमार और अर्धसैनिक बलों के निदेशक जनरलों सहित शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने भी भाग लिया.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "गृहमंत्री नक्सल प्रभावित राज्यों में चल रहे अभियानों, राज्य सरकारों द्वारा की गई पहल और अब तक के घटनाक्रम की समीक्षा करना चाहते हैं."

साल 2009 से लेकर 2013 के दौरान नक्सलवादी हिंसा के मामलों की संख्या 8,782 दर्ज की गई थी. वहीं 2014-18 के दौरान ऐसे मामलों की संख्या 43.4 फीसदी की कमी के साथ 4,969 दर्ज की गई.

अधिकारी ने बताया कि 2009-13 की अवधि के दौरान इन मामलों में सुरक्षाकर्मियों सहित लगभग तीन हजार लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि 2014-18 में 1200 से अधिक लोग मारे गए.

साल 2009 और 2018 के बीच कुल 1400 नक्सलवादी मारे गए. देशभर में इस साल के पहले पांच महीनों में नक्सलवादी हिंसा की 310 घटनाएं हुई, जिसमें 88 लोग मारे गए.

नक्सलवादी प्रभावित जिलों के लिए विशेष सहायता के तौर पर केंद्र ने सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सेवाओं के लिए एक हजार करोड़ रुपये की वार्षिक मदद लागू कर रखी है.

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