Amit Shah: गृहमंत्री अमित शाह गृह विभाग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए अपने तेवर दिखाए हैं. उन्होंने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि हम तो आतंकवादी देखते ही सीधा दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं, हमारी सरकार न आतंकवाद को सह सकती है और न ही आतंकवादियों को.
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Amit Shah: गृहमंत्री अमित शाह अपने तेवर के लिए जाने जाते हैं. चुनावी जनसभाओं में उन्हें विपक्ष पर हमला करते हुए देखा गया है. आज गृह विभाग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने राहुल गांधी के नाम लिए बिना उन्होंने कटाक्ष किया और कहा कि जो काला चश्मा पहनकर बैठें हैं उन्हें विकास नहीं दिखाई देगा. साथ ही कहा कि उन्होंने पैदल यात्रा निकाली और अपने कार्यकर्ताओं के साथ कश्मीर में बर्फ की होली खेली और कहा कि दूर से आतंकवादी दिखाई पड़ा था. इस पर हसंते हुए गृहमंत्री ने कहा कि अरे भाई जब नजर में ही आतंकवादी हैं तो सपने में भी आएगा और कश्मीर में भी दिखाई देगा. हम तो दिखाई देते ही सीधा दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं. इसके अलावा क्या कुछ कहा जानते हैं.
घाटी का किया जिक्र
गृह मंत्री अमित शाह ने घाटी का जिक्र करते हुए कहा कि पहले कश्मीर में आए दिन पड़ोसी देश से आतंकवादी घुसकर बम धमाके करते थे. एक भी त्योहार ऐसा नहीं होता था, जो चिंता के बगैर जाता था. इसके बाद भी केंद्र सरकार का रवैया लचीला होता था, चुप्पी साध जाते थे, बोलने में डर लगता था, वोटबैंक का भी डर था. नरेंद्र मोदी जी के आने के बाद आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई गई. हमारे आने के बाद जब उरी और पुलवामा पर हमले हुए, तो हमने 10 दिन में ही पाकिस्तान के घर में घुसकर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके मुंहतोड़ जवाब दिया. पूरी दुनिया में दो ही देश ऐसे थे, जो अपनी सीमा और सेना के लिए हमेशा तत्पर रहते थे. इजरायल और अमेरिका. इन दोनों देशों की लिस्ट में महान भारत का नाम नरेंद्र मोदी ने जोड़ा और वहीं से शुरू हुई आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति.
खुले सिनेमाघर
इसके अलावा उन्होंने कहा कि आपके (यूपीए) शासन में जम्मू कश्मीर में 33 साल से सिनेमाघर नहीं खुले थे, हमारे समय में खुले. ताजिया के जुलूस को अनुमति नहीं थी, हमारे समय में दी गई. जी-20 के दौरान दुनियाभर के डिप्लोमेट शांति से जम्मू कश्मीर गए और वहां का खाना, संस्कृति, खूबसूरती का आनंद उठाया. अमित शाह ने कहा कि 10 साल पहले जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों का महिमामंडन होता था, जनाजों का जुलूस निकाला जाता था.
हमारे समय में मारे गए आतंकवादी
हमारे समय में भी आतंकवादी मारे गए, ज्यादा मारे गए, लेकिन किसी के जनाजे का जुलूस नहीं निकाला गया. जो आतंकवादी जहां मारा जाता है, वहीं दफना दिया जाता है. कई वर्षों से कश्मीर की तिजोरी खाली थी. 2015 में नरेंद्र मोदी ने 80 हजार करोड़ रुपए की 63 परियोजनाओं की शुरुआत की. कुछ लोग मेरे खर्च का हिसाब पूछ रहे थे. अरे भाई, थोड़ा कम हुआ होगा, हमने रखने की हिम्मत तो की, आपके समय में तो खर्च का प्रोविजन ही नहीं था. 80 हजार करोड़ रुपए में से 51 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और 63 में से 53 परियोजनाएं क्रियान्वित हो चुकी हैं. (आईएएनएस)