Amit Shah की सादगी ने जीता दिल: बॉर्डर पर रहने वाले को अपना नंबर देकर बोले- जब चाहो कर लेना कॉल
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Amit Shah की सादगी ने जीता दिल: बॉर्डर पर रहने वाले को अपना नंबर देकर बोले- जब चाहो कर लेना कॉल

गृहमंत्री अमित शाह की सादगी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों का दिल जीत लिया है. शाह आम लोगों के साथ मिल रहे हैं, बातचीत कर रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने एक व्यक्ति से उसका मोबाइल नंबर लिया और अपना नंबर उसे देते हुए कहा कि जब भी जरूरी हो वो उन्हें फोन कर सकता है. 

फोटो: ANI

जम्मू: गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान स्थानीय लोगों के करीब आते दिखे. अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन शाह इस केंद्र शासित प्रदेश की शीतकालीन राजधानी पहुंचे. रविवार शाम को वह आरएसपुरा सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर भी गए. जम्मू से सटे मकवाल में उन्होंने बीएसएफ के पोस्ट पर जाकर जवानों से बातचीत की और यहां के स्थानीय लोगों के साथ समय गुजारा.

  1. जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं गृहमंत्री
  2. तीन दिनों तक हालातों की कर रहे समीक्षा
  3. स्थानीय लोगों से भी की मुलाकात

Shah ने खाट पर बैठकर की बातचीत

गृहमंत्री अमित (Amit Shah) शाह ने मकवाल में एक स्थानीय नागरिक का फोन नंबर अपने मोबाइल में सेव किया. इतना ही नहीं गृहमंत्री ने उन्हें अपना नंबर भी दिया और कहा कि जब भी उन्हें जरूरी लगे वह फोन कर सकते हैं. अमित शाह ने इन लोगों के साथ चाय भी पी और लोगों से काफी देर तक खाट पर बैठकर बेहद सहज अंदाज में बातचीत करते रहे.

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‘Terrorism का सफाया मकसद’

इससे पहले जम्मू के भगवती नगर में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार का उद्देश्य जम्मू कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करने और नागरिकों की हत्याओं पर रोक लगाने का है. उन्होंने कहा कि किसी को इस केंद्रशासित प्रदेश में शांति और विकास को बाधित नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है और सरकार का उद्देश्य 2022 के अंत तक कुल 51,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने का है. 

युवाओं को मिलेंगी 5 लाख Job

गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों की बदौलत स्थानीय युवकों को पांच लाख नौकरियां मिलेंगी. बता दें कि पांच अगस्त, 2019 को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने तथा उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र के फैसले के बाद शाह पहली बार जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं. शाह की कोशिश स्थानीय लोगों से संवाद पर जोर देना है और लोगों के मन से भय को दूर करना है. 

 

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