प्रधानमंत्री मोदी संसद के सार्थक सत्र के आकांक्षी
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प्रधानमंत्री मोदी संसद के सार्थक सत्र के आकांक्षी

संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा शुरू हो गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र के पहले चरण में सहयोग के लिए सभी दलों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई है कि दूसरा चरण भी ऐसा ही होगा।

नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा शुरू हो गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र के पहले चरण में सहयोग के लिए सभी दलों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई है कि दूसरा चरण भी ऐसा ही होगा।

प्रधानमंत्री ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा ‘बजट सत्र का पहला हिस्सा अप्रत्याशित रूप से परिणामों से परिपूर्ण रहा। सार्थकता के संदर्भ में भी, कई वर्ष बाद सभी दलों के सहयोग के कारण यह सफल रहा। मैं इसके लिए सभी दलों को धन्यवाद देता हूं।’ उन्होंने कहा ‘मुझे विश्वास है कि दूसरे चरण में भी बहसों का स्तर उंचा होता रहेगा। आम आदमी की उम्मीदों और अपेक्षाओं के अनुसार चर्चा होगी और विभिन्न दलों के सहयोग के साथ ही बेहतर फैसले किए जाएंगे तथा हम आम जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने की ओर कदम बढ़ाएंगे।’ इससे पहले, सुबह प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि वह ‘विभिन्न मुद्दों पर रचनात्मक बहस के साथ ही सार्थक सत्र का आकांक्षी हैं।’ लोकसभा में विवादास्पद भूमि विधेयक के मुद्दे पर सर्वाधिक हंगामा होने के आसार हैं। सरकार ने नया भूमि अध्यादेश बजट सत्र के दूसरे हिस्से के पहले ही दिन सदन के पटल पर रखने का फैसला किया है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ‘यमन गणराज्य में हाल में हुए घटनाक्रमों और वहां से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए किये गए प्रयासों’ के बारे में एक बयान भी देंगी।

बजट सत्र 8 मई को समाप्त होगा। राज्यसभा का नया सत्र 23 अप्रैल को शुरू हो रहा है, जो 13 मई को समाप्त होगा। बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत की पूर्व संध्या पर मोदी ने कल कहा था कि यह ‘नतीजों’ से भरपूर होगा। उनका कहना था कि संसद की कार्यक्षमता उनकी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से ‘125 प्रतिशत’ पर पहुंच चुकी है।

भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित विभिन्न मुद्दों के कारण संसद के इस सत्र के हंगामी रहने की उम्मीद के बीच संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडु ने भाजपा सांसदों से पूरे सत्रभर सदन में मौजूद रहने को कहा है। सरकार भूमि अधिग्रहण विधेयक को बजट सत्र के पूर्वाद्ध में राज्यसभा में विपक्ष के कड़े विरोध के कारण मंजूरी दिलाने में नाकाम रही थी लिहाजा 3 अप्रैल को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की मियाद खत्म होने से एक दिन पहले इसे दोबारा जारी किया गया।

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