Pahalgam Terrorist Attack: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले कराने के बाद पाकिस्तान फौज के जनरल और आंतकी आका दोनों अभी तक बस इसलिए चैन से नहीं सो पाए हैं क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) अभी जारी है. संघर्ष विराम 18 मई तक बढ़ा है, उन्हें डर है कि भारतीय सेना पहले की तरह मार-मार के धुआं-धुआं न कर दें.
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Operation Sindoor Latest Update: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद नौ आतंकी अड्डों पर हमला करके आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया. लेकिन यह सिर्फ भारतीय सशस्त्र बलों की मारक क्षमता नहीं थी जिसने पाकिस्तानी सेना को कभी न भरने वाला घाव दिया. इसमें भारतीय एयरफोर्स की एक करामाती ट्रिक भी थी जिसके चक्कर में पाकिस्तान धोखा खा गया. दरअसल ये भारतीय फौज का एक सुनियोजित धोखा था. जिसके चक्कर में पूरी पाकिस्तानी एयरफोर्स की लंका जल गई. क्योंकि पाकिस्तान के 12 एयरफोर्स बेस में से 11 पर भारतीय वायुसेना ने दुश्मन देश को अपनी ताकत का अहसास कराया.
सूत्रों के हवाले से आई जानकारी
टॉप डिफेंस सूत्रों के हवाले से आई एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायु सेना (IAF) ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की चीनी-सप्लाई वाले एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने और उसे मार गिराने के लिए फाइटर जेट्स के बजाए कई डमी जेट्स का इस्तेमाल किया.
इंडियन एयरफोर्स की करामाती ट्रिक!
9 और 10 मई के बीच की दरमियानी रात भारत ने अपने पलटवार के दौरान पाकिस्तानी एयरफोर्स के 12 प्रमुख एयरबेस में से 11 को निशाना बनाते हुए टारगेट पर लिया. मिसाइल हमलों की सीरीज़ लॉन्च करने से पहले, भारतीय वायुसेना ने पहले वास्तविक लड़ाकू विमानों की नकल वाले मानव रहित टारगेटेड विमान भेजे. इसके बाद पाकिस्तानी राडार, भारत के आने वाले लड़ाकू विमानों को मार गिराने के लिए छटपटाने लगे. इसी अफरा-तफरी के बीच पाकिस्तान ने अपने पास मौजूद चीनी एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 एक्टिव कर दिए, जिससे भारतीय वायुसेना को पाकिस्तानी एयरफोर्स की एक्जैक्ट लोकेशन का पता चला और वो सारे के सारे भारतीय मिसाइलों की रेंज में आ गए.
एएनआई ने बताया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने अपने HQ-9 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली लांचर और राडार के पूरे सेट को अलग-अलग लोकेशंस पर तैनात किया था. कुछ नए आए सिस्टम को नए ठिकानों पर तैनात किया गया, लेकिन मिसाइल डिफेंस सिस्टम सक्रिय होने के बाद उनका पता चल गया. आइए जानते हैं कि आगे क्या हुआ?
पाकिस्तान को ब्रह्मोस मार-मार के धुंआ कर दिया
इसके बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी एयरफोर्स के अहम ठिकानों यानी एयरबेस पर लंबी दूरी की घातक मिसाइलों से हमला किया, जिसमें ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलें शामिल थीं. उस दौरान हमले में करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलें और स्कैल्प, रैम्पेज और क्रिस्टल मेज मिसाइलें दागी गईं. इन हमलों ने पाकिस्तानी एयरफोर्स की दर्जनों हवाई पट्टियों, हैंगरों और संचार ढांचे को ध्वस्त कर दिया. इस तरह से कथित तौर पर पाकिस्तान के सिंध में एक एयरक्राफ्ट और कई लंबे समय तक चलने वाले ड्रोन को नुकसान पहुंचाया. रक्षा सूत्रों के मुताबिक किसी सक्रिय संघर्ष में ब्रह्मोस के इस्तेमाल का ये पहला अटैंप्ट था जिसने दुश्मनों को नेस्तोनाबूद कर दिया.
सेकेंडों में ध्वस्त हुया पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम
सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमले इतने तीव्र थे कि पाकिस्तानी वायुसेना की एयर डिफेंस प्रणाली ने फौरन सरेंडर कर दिया. इससे घुटनों पर आया पाकिस्तान सीजफायर करवाने के लिए अमेरिका के आगे गिड़गिड़ाने लगा. वहीं आगे की सभी सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए भारत के साथ किसी समझऔते पर पहुंचने के लिए डीजीएमओ से तत्काल बातचीत का अनुरोध किया.
ऑपरेशन सिंदूर
मिशन के लिए भारतीय वायुसेना के विमानों का बेड़ा प्रमुख तौर से पश्चिमी वायु कमान और दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान क्षेत्र से नियंत्रित किया गया. पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा किए गए सर्फेस टू एयर अटैक को ध्वस्त करने के लिए रूसी S-400, MRSAM और आकाश एयर डिफेंस मिसाइल यूनिट्स और अन्य पुराने एयर डिफेंस सिस्टम के बेहतरनी क्वार्डिनेशन से हर हमले को नाकाम कर दिया गया.