DNA with Sudhir Chaudhary: देश में लोग दो ही सवाल पूछे रहे हैं. पहला ये कि.. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार कब गिरेगी? दूसरा ये कि.. भारत का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा?.. महाराष्ट्र में शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ही उद्धव ठाकरे से दगाबाजी कर गए. 34 विधायकों को लेकर सूरत के एक Five Star Hotel में बन्द हो गए. जिससे उद्धव ठाकरे की सरकार खतरे में आ गई है. इसलिए अब बड़ा सवाल यही है कि क्या महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार गिर जाएगी? तो सीटों का गणित ये कहता है कि अगर एकनाथ शिंदे इन सभी 34 विधायकों के साथ बीजेपी को अपना समर्थन दे देते हैं तो महाराष्ट्र में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बन जाएगी. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं, जिनमें बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. इस घटनाक्रम से पहले तक शिवसेना, NCP और कांग्रेस के पास कुल 152 विधायक थे. यानी इन तीनों पार्टियों के पास बहुमत से 7 विधायक ज्यादा थे.


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किस पार्टी के पास कितने विधायक?


इनमें शिवसेना के पास 55 विधायक, NCP के पास 53 विधायक और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. इस तरह ये आंकड़ा 152 होता है. इसके अलावा महाराष्ट्र में 29 विधायक ऐसे हैं, जो छोटे राजनीतिक दलों से आते हैं या निर्दलीय हैं. इनमें से 17 विधायकों ने उद्धव ठाकरे की सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है. यानी अगर इन्हें भी सरकार में जोड़ लें तो उद्धव सरकार के पास अब तक 169 विधायकों का समर्थन था. जबकि बीजेपी के पास अपने कुल 106 विधायक हैं और 13 अन्य विधायकों का भी उसे समर्थन हासिल है. इस हिसाब से ये आंकड़ा 119 होता है.


सूरत में शिवसेना के 34 विधायक


यानी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को 26 विधायक और चाहिए. एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके साथ अभी सूरत में शिवसेना के 34 विधायक हैं और उन्हें मिलाकर ये संख्या 35 हो जाती है. अब अगर शिवसेना के ये सभी 35 विधायक बीजेपी को अपना समर्थन दे देते हैं तो बीजेपी के पास विधायकों की संख्या 154 हो जाएगी. यानी उसके पास बहुमत से 9 विधायक ज्यादा होंगे. उसे सरकार बनाने में कोई परेशानी नहीं आएगी.


पूरा खेल एकनाथ शिंदे पर टिका


यानी ये पूरा खेल एकनाथ शिंदे पर टिका हुआ है. अगर उन्होंने आखिर तक बैटिंग की और इस दौरान शिवसेना के सभी बागी विधायक उनके साथ रहे तो महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार गिरना निश्चित है. सम्भव है कि बीजेपी एकनाथ शिंदे से मिलकर अपनी सरकार बना ले. अब सीटों का गणित तो आपने समझ लिया. लेकिन अब आपको महाराष्ट्र की राजनीति का गणित भी समझा देते हैं. महाराष्ट्र में एक के बाद एक तीन बड़ी ऐसी राजनीतिक घटनाएं हुई हैं, जिसने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को संकट में डाल दिया है.


एकनाथ शिंदे और बीजेपी के बीच कोई डील?


पहली बात.. उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच मोबाइल फोन पर बात हुई. खबरें हैं कि एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि अब वो शिवसेना में वापस नहीं आएंगे. यानी एकनाथ शिंदे अब मानने के लिए तैयार नहीं हैं. दूसरी बात.. इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंच गए हैं और किसी भी क्षण वो गुजरात के सूरत के लिए रवाना हो सकते हैं, जहां एकनाथ शिंदे.. शिवसेना के 34 विधायकों के साथ एक होटेल में बंद हैं. फडणवीस के सूरत जाने का मतलब ये है कि एकनाथ शिंदे और बीजेपी के बीच कोई डील हो सकती है. इस राजनीतिक उथल-पुथल में कांग्रेस और NCP कहीं नजर नहीं आ रही हैं. NCP की तरफ से शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस तो की लेकिन उन्होंने एकनाथ शिंदे की बगावत को शिवसेना का आंतरिक मामला बता दिया.


लंबा चल सकता है विवाद


हमें ऐसी खबरें मिली हैं कि शरद पवार इस मामले में ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रहे हैं. कांग्रेस भी इस पर चुप है. मंगलवार शाम को इन तीन पार्टियों के विधायकों की एक बैठक हुई है, जिसमें कांग्रेस के आधे से ज्यादा विधायक वहां पहुंचे ही नहीं. इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने भी शिवसेना के बाकी विधायकों को अपने आवास पर बुलाया है और उनके साथ एक बैठक की है. ये राजनीतिक विवाद अब लम्बा चल सकता है.


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