संसद सत्र से पहले बोले PM मोदी- उम्मीद है GST का रास्ता साफ होगा
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संसद सत्र से पहले बोले PM मोदी- उम्मीद है GST का रास्ता साफ होगा

संसद सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस सत्र में सकारात्मक चर्चा की उम्मीद है. पीएम ने कहा कि बजट पर सार्थक चर्चा होनी चाहिए.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट सत्र के दूसरे हिस्से में सकारात्मक चर्चा की उम्मीद है. (तस्वीर के लिए साभार- ANI))

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर कामयाबी मिलेगी और मुद्दों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा की जाएगी.

PM मोदी को जीएसटी पर कामयाबी की आस

प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि जीएसटी पर कामयाबी मिलेगी क्योंकि सभी राज्यों ने सकारात्मक ढंग से सहयोग किया है. सभी राजनीतिक दलों ने भी सकारात्मक तरीके से सहयोग दिया है.’ बजट सत्र का दूसरा चरण लगभग एक माह के अवकाश के बाद आज शुरू हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘हम एक अंतराल के बाद मिल रहे हैं और बजट प्रस्तावों पर विस्तारित चर्चा की जाएगी.’ सदन में स्वस्थ बहस की उम्मीद जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेरा मानना है कि चर्चा उच्च स्तर पर होगी. गरीब लोगों से जुड़े मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘हम एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए सभी की सहमति के साथ आगे बढ़ रहे हैं.’ प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि जीएसटी की प्रक्रिया अगले माह सत्र समाप्त होने से पहले पूरी हो जाएगी.

केंद्र की योजना संसद में केंद्रीय जीएसटी विधेयक लेकर आने की है

जीएसटी को देश में अब तक के सबसे बड़े कर सुधार के रूप में पेश किया गया है. ऐसी उम्मीद है कि इससे देश के सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम एक प्रतिशत की वृद्धि होगी. केंद्र की योजना संसद में केंद्रीय जीएसटी विधेयक लेकर आने की है. इसका अनुमोदन हो जाने पर विभिन्न राज्य अपनी विधानसभाओं में राज्य जीएसटी विधेयक लेकर आएंगे. केंद्रीय और राज्य स्तरीय अधिकारी जल्द ही यह तय करना शुरू करेंगे कि कौन सी वस्तुएं और सेवाएं किस कर श्रेणी में आएंगी. जल्द ही इसे परिषद में मंजूरी के लिए ले जाया जाएगा.

इसके साथ वे उन वस्तुओं और सेवाओं के बारे में भी निर्णय करेंगे जिन पर कर के अलावा उपकर भी लगाया जाएगा ताकि जीएसटी के क्रियान्वयन से शुरू के पांच साल में राज्यों को राजस्व में होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई के लिये कोष सृजित किया जा सके. सरकार एक जुलाई से जीएसटी लागू करना चाह रही है. जीएसटी पेश करने का मार्ग प्रशस्त करने वाले संवैधानिक संशोधन की मियाद इस साल सितंबर के मध्य में पूरी होने वाली है.

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