बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद सांसद उदित राज ने बुधवार को अपनी पुरानी पार्टी पर ‘दलित विरोधी’ होने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी गलती यह थी कि वह कभी ‘गूंगा-बहरा’ नहीं रहे तथा विचारधारा से समझौता नहीं किया.
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नई दिल्ली: बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद सांसद उदित राज ने बुधवार को अपनी पुरानी पार्टी पर ‘दलित विरोधी’ होने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी गलती यह थी कि वह कभी ‘गूंगा-बहरा’ नहीं रहे तथा विचारधारा से समझौता नहीं किया. उदित राज ने यह दावा भी किया कि भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षण में सिर्फ उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट पर जीत की बात सामने आई, इसके बावजूद उनका टिकट काट दिया गया क्योंकि उन्होंने पिछले साल दो अप्रैल को हुए दलितों के एसएसी. एसटी कानून से जुड़े आंदोलन का समर्थन किया था.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद उदित राज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस में मैं कुछ साल पहले ही आना चाहता था, राहुल गांधी जी इस बात को जानते हैं. परिस्थितियाँ ऐसी रहीं जिससे यह नहीं हो पाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब साफ हो गया कि भाजपा किस तरह से दलित विरोधी है.
भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षण में इनके पास स्पष्ट रूप से एक ही सीट निकल कर आ रही थी और वो है उत्तर पश्चिमी दिल्ली सीट. इन्होंने मेरा टिकट काटा, वजह ये है कि दो अप्रैल, 2018 को जब दलित सड़कों पर आए, भारत बंद किया तो मैंने उनका समर्थन किया.’’ उदित राज ने कहा, ‘‘मेरी गलती यही थी कि मैं गूंगा, बहरा नहीं था वहाँ.
वहाँ गूंगा बहरा अगर कोई रहे तो उसको भाजपा एवं आरएसएस प्रधानमंत्री भी बना सकते हैं. रामनाथ कोविंद जी को 2014 में भाजपा ने इस लायक भी नहीं समझा था कि उनको टिकट देते, जबकि वो टिकट चाह रहे थे. तो चुप रहने का इनाम देखा आपने, राष्ट्रपति और मैं चुप रहता तो कभी ना कभी मुझे प्रधानमंत्री बना देते.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस में वह संगठन निर्माण का काम करेंगे और दिल्ली में भाजपा की हार सुनिश्चित करेंगे.