उमा भारती ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र, बोलीं- 'बाबरी केस में जेल जाना मंजूर पर नहीं लूंगी जमानत'
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उमा भारती ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र, बोलीं- 'बाबरी केस में जेल जाना मंजूर पर नहीं लूंगी जमानत'

उमा भारती ने नड्डा को लिखे पत्र में कहा, '30 सितंबर को लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत में फैसला सुनने के लिए मुझे पेश होना है. मैं कानून को वेद, अदालत को मंदिर एवं जज को भगवान का रूप मानती हूं. इसलिए अदालत का हर फैसला मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद होगा.'

फाइल फोटो (जी मीडिया)

नई दिल्लीः अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है कई पिलर्स भी खड़े हो चुके हैं. हालांकि बाबरी विध्वंस मामले (Babri Demolition Case) में फैसला आना अभी बाकी है. बाबरी विध्वंस मामले (Babari Demolition Case) में सुनवाई कर रही सीबीआई की एक विशेष अदालत 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी. सीबीआई के विशेष जज एस के यादव ने सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं.

  1. बाबरी विध्वंस की सुनवाई से पहले उमा भारती ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र 
  2. उमा भारती ने लिखा, श्रीराम के लिए जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन जमानत नहीं लेंगी
  3. उमा ने कहा, मैं राम मंदिर के लिए भी लड़ी और राम राज्य के लिए भी लड़ी

मामले के 32 आरोपियों में पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, विनय कटियार और उमा भारती मुख्य रूप से शामिल हैं. लेकिन इससे पहले ही उमा भारती कोरोना से संक्रमित हो गई हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

इस बीच उमा भारती ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि वे इस मामले में जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन जमानत नहीं लेंगी.

उमा भारती ने नड्डा को लिखे पत्र में कहा, '30 सितंबर को लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत में फैसला सुनने के लिए मुझे पेश होना है. मैं कानून को वेद, अदालत को मंदिर एवं जज को भगवान का रूप मानती हूं. इसलिए अदालत का हर फैसला मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद होगा.'

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उमा भारती ने कहा, 'मुझे अयोध्या आंदोलन में भागीदारी पर गर्व है. मैंने तो हमेशा कहा है कि अयोध्या के लिए तो फांसी भी मंजूर है. मैं नहीं जानती फैसला क्या होगा, लेकिन मैं अयोध्या पर जमानत नहीं लूंगी. जमानत लेने से आंदोलन में भागीदारी की गरिमा कलंकित होगी. ऐसे हालातों में आप मुझे नई टीम में रख पाते हैं कि नहीं इसपर विचार कर लीजिए. यह गर्व, आनंद और आश्चर्यपूर्ण विसंगति का विषय है कि जिस अयोध्या मामले में 2017 में CBI ने मुझे साजिशकर्ता होने पर शक जताया, उसी का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 5 अगस्त 2020 को किया. माननीय अदालत इस पर जो फैसला देगी वह मेरे सिर माथे होगा.

उमा ने आगे लिखा, 'मुझे आप 30 साल से जानते हैं. विचार-निष्ठा और परिश्रम ही मेरी राजनीति के आधार हैं. मैं राम मंदिर के लिए भी लड़ी और राम राज्य के लिए भी लड़ी. मैंने हिंदुत्व को सर्व समावेशी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इसलिए दलित, आदिवासी, सभी वर्गों के गरीब और विशेषकर पिछड़ा वर्ग बीजेपी से जुड़ जाए और जुड़े रहे इसमें मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी.'

बीजेपी नेता ने लिखा, 'पार्टी ने मुझे निकाल दिया था तब भी मैंने राष्ट्रवाद और इन वर्गों की चिंता नहीं छोड़ी थी. राम, गंगा, तिरंगा और वंचित वर्ग इनके लिए मेरी जान हाजिर है. राम मंदिर बन गया, लेकिन रामराज्य अभी बाकी है. मेरे सामने बहुत लंबी जिंदगी बाकी है, जो कि मैं अब राम राज्य के लिए लगाऊंगी.'

आखिर में उन्होंने लिखा, 'इसलिए मैं आपके विवेक पर छोड़ती हूं कि आप मुझे पदाधिकारियों की टीम में रख पाते हैं कि नहीं. मेरे लिए तो भगवान की कृपा और सर्वजन समाज का साथ ही मेरी शक्ति है. आप मेरे बारे में आंखें मूंद के फैसला ले सकते हैं. मैं तो बीजेपी की रिजर्व फोर्स हूं. जरूरत पड़ने पर हमेशा काम आऊंगी.'

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