नई दिल्ली: आज हम आपको उन सैनिकों की कहानी भी बताते हैं, जिनकी मृत्यु हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Helicopter Crash) में हुई है. इनमें हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के 29 वर्षीय लांस नायक विवेक कुमार (Vivek Kumar) भी थे. चार महीने पहले अगस्त में उनका एक बेटा हुआ था और परिवार में काफी खुशी का मौहाल था. उस समय वो एक महीने की छुट्टी लेकर अपने घर आए थे. उन्होंने अपनी पत्नी से वादा किया था कि नए साल के मौके पर वो अपने चार महीने के बेटे से दोबारा मिलने जरूर आएंगे. लेकिन दुर्भाग्यवश वो अपने इस वादे को अब कभी पूरा नहीं कर पाएंगे. लांस नायक विवेक कुमार, जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) के PSO यानी Personal Security Officer थे.


पंजाब के लाल शहीद गुरसेवक सिंह की कहानी


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इसी तरह की कहानी पंजाब के तरन तारन के रहने वाले नायक गुरसेवक सिंह की भी है. उन्होंने वर्ष 2000 में सेना Join की थी और पिछले 3 वर्षों से वो जनरल बिपिन रावत की Security में तैनात थे. वो पिछले महीने ही 40 दिन की छुट्टी लेकर अपने घर गए थे. लेकिन उनकी पत्नी और 70 वर्षीय पिता ने कभी ये नहीं सोचा था कि वो आखिरी बार उनसे घर मिलने आए हैं. उनकी मृत्यु ने उनके परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है.


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शहीद बी. साई तेजा ने परिवार से किया था ये वादा


आंध्र प्रदेश के चित्तूर के रहने वाले लांस नायक बी. साई तेजा ने इस दुर्घटना से चार घंटे पहले ही अपनी पत्नी को वीडियो कॉल किया था और उन्हें बताया था कि वो किसी काम से Wellington जा रहे हैं और वहां से आकर उनसे और अपने बच्चों से बात करेंगे. लेकिन इसके बाद उनकी मृत्यु हो गई और ये उनका अपनी पत्नी को आखिरी वीडियो कॉल साबित हुआ. उन्हें सात महीने पहले ही जनरल बिपिन रावत का PSO नियुक्त किया गया था.


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आईसीयू में भर्ती हैं शहीद प्रदीप के पिता


वायु सेना में Junior Warrant Officer प्रदीप की भी इस हेलीकॉप्टर क्रैश में मृत्यु हो गई. ये सबकुछ तब हुआ, जब उनके पिता ICU में हैं. सोचिए पिता के ICU में होने की वजह से उन्हें जानकारी ही नहीं है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा. उन्होंने वर्ष 2002 में भारतीय वायु सेना Join की थी और उन्हें बाद में बतौर Air Crew के लिए चुन लिया गया था. वो सुलुर में ही Air Force Quarters में अपने परिवार के साथ रहते थे और किसी ने भी नहीं सोचा था कि वो जिस हेलीकॉप्टर में Wellington जा रहे हैं, वो क्रैश हो जाएगा.


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सीडीएस बिपिन रावत के सलाहकार भी हुए शहीद


इस दुर्घटना में ब्रिगेडियर लखबिंदर सिंह लिड्डर की भी मृत्यु हो गई. वो जनरल बिपिन रावत के रक्षा सलाहकार थे और अगले कुछ महीनों में उन्हें सेना में मेजर जनरल के पद पर प्रमोट किया जाना था. लेकिन इससे पहले ही उनकी मृत्यु हो गई इसलिए आज इन सभी बहादुर सैनिकों को याद करने का दिन है.


हरियाणा के फतेहाबाद जिले में रहने वाले नायक सुशील कुमार ने आज जनरल बिपिन रावत से जुड़ी कई यादों को हमारे साथ साझा किया. वो वर्ष 2007 से 2009 के बीच जम्मू-कश्मीर के बारामूला में उनके मुख्य बॉडीगार्ड थे. नायक सुशील कुमार अब रिटायर्ड हो गए हैं लेकिन वो बताते हैं कि जनरल बिपिन रावत बेहद मिलनसार व्यक्ति थे. वो अपने से छोटे कर्मचारियों को भी पूरा मान-सम्मान देते थे और ड्यूटी के दौरान जाते समय रास्ते में मिलने वाले बच्चों को भी हमेशा टॉफियां बांटते थे.


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