IAF अधिकारियों की हत्या का मामला, यासीन मलिक के खिलाफ सुनवाई 23 अक्टूबर तक स्थगित
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IAF अधिकारियों की हत्या का मामला, यासीन मलिक के खिलाफ सुनवाई 23 अक्टूबर तक स्थगित

कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मलिक को कोर्ट के सामने पेश करने की अनुमति दी.

यासीन मलिक (फाइल फोटो)

जम्मू: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में भारतीय वायु सेना ( IAF) के चार कर्मियों की हत्या के मामले में जम्मू  में टाडा कोर्ट ने मंगलवार को अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) के खिलाफ सुनवाई 23 अक्टूबर तक स्थगित कर दी है. कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मलिक को कोर्ट के सामने पेश करने की अनुमति दी.

बता दें यासीन मलिक और उसके साथियो पर 25 जनवरी 1990 को कश्मीर के सनत नगर इलाके में 4 एयरफोर्स अधिकारियो की गोलियां मार के हत्या और 22 लोगों को जख्मी करने के आरोप लगे थे. 

सीबीआई ने अगस्त 1990 में मालिक और उसके साथियों के खिलाफ जम्मू की टाडा कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था, जिसकी सुनवाई पर जम्मू कश्मीर हाइकोर्ट की सिंगल बेंच ने 1995 मैं इस ग्राउंड पर रोक लगा थी की चूंकि कश्मीर में टाडा कोर्ट नही है इसलिए इस मामले की सुनवाई जम्मू में नही हो सकती.

तीस साल के बाद अब मामले की सुनवाई करने की इजाजत मिली है. यासीन मलिक फिलहाल टेरर फंडिंग के मामले में NIA की हिरासत में तिहाड़ जेल में है. मलिक को 11 सितंबर को जम्मू की टाडा कोर्ट में पेश करने की हिदायत अदालत ने पिछली पेशी में सीबीआई के वकील को दी थी. 

स्क्वाडर्न लीडर रवि खन्ना इस आतंकी हमले में अपने 3 साथियो के साथ शहीद हो गए थे. रवि खन्ना की पत्नी शालिनी खन्ना को 30 साल बाद इस मामले में इंसाफ की उम्मीद जगी है. शालिनी खन्ना ने अपने पति को इंसाफ दिलाने के लिए पिछली तीस सालों से संघर्ष कर रही हैं. 

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