भारत-फ्रांस की वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास जुलाई में, राफेल उड़ाएंगे एयरफोर्स के पायलट
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भारत-फ्रांस की वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास जुलाई में, राफेल उड़ाएंगे एयरफोर्स के पायलट

इस साल के सबसे बड़े युद्धाभ्यास में भारत और फ्रांस की वायुसेनाएं आसमानी युद्ध में अपनी महारत को आजमाएंगी. इसमें सबकी निगाहें राफेल पर रहेंगी.

जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू होने वाला गरुड़ 6 युद्धाभ्यास दो हफ्ते तक चलेगा. Photo.dassault-aviation

नई दिल्‍ली: भारतीय वायुसेना अगले महीने साल के सबसे बड़े युद्धाभ्यास में उतरेगी. इसमें भारत और फ्रांस की वायुसेनाएं आसमानी युद्ध में अपनी महारत को आजमाएंगी. इस युद्धाभ्यास की खास बात ये होगी कि इस साझा अभ्यास में भारतीय वायुसेना के अजेय माने जाने वाले सुखोई-30 लड़ाकू विमान का दमखम फ्रांसीसी वायुसेना के राफेल फ़ाइटर के साथ आजमाया जाएगा. भारतीय वायुसेना के लिए ये एक अहम मौका होगा जब उसे अपने मौजूदा हथियार और भविष्य के हथियार दोनों को साथ परखने का मौका मिलेगा.

फ्रांस और भारत ने साल 1998 में रणनैतिक साझेदारी के समझौते पर दस्तखत किए थे और तब से दोनों देशों की सेनाएं साझा सैनिक अभ्यास करती रहती हैं.

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जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू होने वाला गरुड़ 6 युद्धाभ्यास दो हफ्ते तक चलेगा. इसके लिए भारतीय वायुसेना लगभग 10 सुखोई 30 फ़ाइटर जेट्स के अलावा हवा में ही विमान में ईंधन भरने वाला टैंकर IL-78 और IL 76 अवाक्स को लेकर जा रही है. इस अभ्यास में वायुसेना के 150 से ज्यादा अधिकारी शामिल होंगे. गरुड़ अभ्यास की शुरुआत 2003 में ग्वालियर एयरबेस से हुई थी. इसके बाद कई बार ये अभ्यास भारत और फ्रांस में हो चुका है. आखिरी बार ये अभ्यास भारत के जोधपुर एयरबेस में 2014 में हुआ था. इस अभ्यास से भारतीय वायुसेना को दुनिया की बेहतरीन वायुसेना मानी जाने वाली फ्रांस की वायुसेना के काम करने के ढंग और उपकरणों से सीखने का मौका मिलता है.

पिछले महीने एक युद्धाभ्‍यास में देख‍िए राफेल की रफ्तार...

भारत, फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान ले रहा है, जिनके इसी साल भारत आ जाने की उम्मीद है. राफेल विमानों की कुल दो स्क्वाड्रन बनाई जाएंगी, जिनमें से पहली अंबाला में बनेगी. इस विमान में प्रशिक्षण लेने के लिए भारतीय वायुसेना के पायलट और ग्राउंड क्रू फ्रांस में हैं. राफेल आ जाने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में बहुत बढ़ोत्तरी होगी, जो कि पिछले कुछ सालों से फ़ाइटर जेट्स की कमी से जूझ रही है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि अगर वायुसेना के पास राफेल होता तो बालाकोट पर हमले के लिए मिराज़ एयरक्राफ्ट को पाकिस्तान की वायुसीमा में न घुसना पड़ता. राफेल ऐसी मिसाइलों से लैस है, जिनसे बहुत लंबी दूरी से किसी भी ठिकाने पर अचूक वार कर उसे तबाह किया जा सकता है.

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