सुशांत केस में जो सबसे स्याह पक्ष उभर कर आया है वो सवाल मीडिया की 'न्यूज बनाम नैतिकता' को लेकर खड़ा हुआ है.
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नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत की गुत्थी 77 दिनों के बाद भी सुलझी नहीं है. इस बीच नित नए एंगल सामने आए हैं. सुप्रीम कोर्ट से लेकर सीबीआई, पुलिस से लेकर ईडी और एनसीबी तक इस मामले की तह तक जाने का प्रयास जांच के माध्यम से कर रहे हैं. लेकिन इस दौरान जो सबसे स्याह पक्ष उभर कर आया है वो सवाल मीडिया की 'न्यूज बनाम नैतिकता' को लेकर खड़ा हुआ है. टीआरपी की रेस में शामिल चैनलों ने इस दुखद घटना को सनसनीखेज बनाने में अपने स्तर पर कोई कसर नहीं छोड़ी. सुशांत के बुजुर्ग बाप और बहनें जहां न्याय के लिए एजेंसियों का दरवाजा खटखटाते नजर आए वहीं टीआरपी की अंधाधुंध दौड़ में शामिल चैनलों ने इस संवेदनशील न्यूज को एक 'शोर' बनाकर रख दिया. जांच की सूचना देने के नाम पर चटपटा मसाला परोसा जाने लगा. मकसद छप्परफाड़ टीआरपी हासिल करना था. एक चैनल तो न्यूज की नैतिकता को ताक पर रखकर 'प्रायोजित इंटरव्यू' तक ले आया. इस गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बावजूद भरोसे का नाम Zee News अपने दर्शकों के साथ किसी भी प्रकार का छल करने के बजाय पूरी विश्वसनीयता और प्रामाणिकता के साथ इस न्यूज को बिना किसी मसाले के पेश करता रहा.
इस दौरान Zee News ने सबसे पहले और सबसे ज्यादा इस केस से जुड़ी खबरों को दर्शकों तक पहुंचाया. सुशांत के 'न्याय पथ' के लिए अंतरराष्ट्रीय मुहिम को चलाया. इस मुहिम को पहली कामयाबी उस वक्त मिली जब सुशांत केस की सीबीआई जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई. नतीजतन जांच सीबीआई को सौंपी गई.
सीबीआई जांच शुरू होने के बाद केस की विभिन्न पर्तों की पड़ताल तेजी से शुरू हो गई है. इसके साथ ही Zee News की मुहिम को जबर्दस्त समर्थन मिला है. इसकी बानगी इस बात से समझी जा सकती है कि रविवार शाम को #IAmSushant को 150 मिनट में डेढ़ लाख से अधिक ट्वीट का समर्थन मिला. देश में ये हैशटैग पूरी शाम देश भर में ट्विटर पर नंबर-1 ट्रेंड करता रहा और दुनियाभर में ये तीसरे स्थान पर ट्रेंड करता रहा. सिर्फ इतना ही नहीं Zee News ने सुशांत केस की धारदार कवरेज के साथ 'सितारा: गंगा किनारे वाला' और 'मैं भी सुशांत' शो के माध्यम से जहां न्याय की अलख जगाई वहीं Zee News के फ्लैगशिप शो DNA में एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने इस केस से जुड़े हर सवाल को बेहद गहराई से उठाया और इंसाफ की मांग की.
Zee News की इस मुहिम को जनता का मिला अपार समर्थन सुशांत के नाम पर 'लक्ष्मण रेखा' लांघने वालों को करारा जवाब है. लोगों का Zee News को भरोसा सुशांत के नाम पर 'तमाशा' खड़ा करने वालों को जवाब है. ये सुशांत के नाम पर 'प्रायोजित इंटरव्यू' करने वालों को जवाब है. ये सुशांत के नाम पर 'TRP' ड्रामा करने वालों को जवाब है. ये सुशांत के नाम पर 'अपना स्वार्थ' साधने वालों को जवाब है. ये सुशांत के नाम पर 'राजनीति' करने वालों को जवाब है.
दर्शकों के भरोसे और विश्वास के साथ Zee News शिद्दत के साथ सुशांत केस में अपनी मुखर आवाज तब तक उठाता रहेगा जब तक इस केस की तार्किक परिणति सामने नहीं आती.