एक ऐसी IAS अफसर, जिनके डांस पर झूम उठते हैं लोग; अच्छे-अच्छों को देती हैं मात
IAS Officer Kavitha Ramu Success Story: कविता रामू आईएएस अफसर होने के साथ-साथ देश की मशहूर भरतनाट्यम डांसर (Bharatanatyam Dancer) के तौर पर पहचान बन चुकी हैं. उन्होंने अब तक देश-विदेश में 600 से ज्यादा स्टेज परफार्मेंस दिए हैं और मंच पर प्रदर्शन के लिए उन्हें कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं.
नई दिल्ली: यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) पास कर आईएएस अफसर बनने वालीं कविता रामू (Kavitha Ramu) का प्रोफेशन भले ही प्रशासनिक सेवा है, लेकिन उनका पैशन भरतनाट्यम (Bharatanatyam) है. जब भी कविता पैरों में घुंघरू बांधकर मंच पर थिरकना शुरू करती हैं तो लोग झूम उठते हैं. कविता रामू आईएएस अफसर होने के साथ-साथ देश की मशहूर भरतनाट्यम डांसर (Bharatanatyam Dancer) के तौर पर पहचान बन चुकी हैं.
अब तक कर चुकी हैं 600 से ज्यादा स्टेज परफॉर्मेंस
कविता रामू (Kavitha Ramu) तमिलनाडु कैडर की आईएएस अधिकारी हैं और अब तक देश-विदेश में 600 से ज्यादा स्टेज परफार्मेंस कर चुकीं हैं. मंच पर कविता रामू के प्रदर्शन के लिए कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं. इसके अलावा प्रशासनिक सेवा में भी वह कई अहम पदों पर काम करचुकी हैं. वह वेल्लोर में रेवेन्यू डिविजनल अफसर रह चुकी हैं तो चेन्नई में असिस्टेंट कमिश्नर सिविल सप्लाई पद पर काम कर चुकीं हैं. इसके अलावा वह तमिलनाडु स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन की जनरल मैनेजर का भी पद संभाल चुकी हैं.
ड्यूटी के साथ डांस के लिए समय निकालना आसान नहीं
कविता रामू (Kavitha Ramu) के लिए प्रशासनिक सेवा के साथ-साथ भरतनाट्यम (Bharatanatyam) के लिए समय निकालना आसान नहीं है और उन्हें अपने टाइम मैनेजमेंट को लेकर काफी सजग रहना पड़ता है. कविता बताती हैं कि वह सुबह पांच बजे उठती हैं और योग करके अपने दिन की शुरुआत करती हैं. इसके बाद वह 9 बजे ऑफिस के लिए निकल जाती हैं, जहां से रात 8 बजे तक ही वापस आ पाती हैं. नौकरी से फुर्सत मिलने पर भरतनाट्यम का रियाज करती हैं.
मां ने कविता को सिखाया भरतनाट्यम
द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के मदुरई में जन्मीं कविता रामू (Kavitha Ramu) ने महज चार साल की उम्र में भरतनाट्यम सीखना शुरू कर दिया था. उनकी मां मणिमेगाली (Manimegali) ने उन्हें डांस सीखाना शुरू किया. मां के कहने पर ही कविता ने मदुरै के प्रख्यात डांस नीला कृष्णमूर्ति से नृत्य सीखना शुरू किया. 1981 में, आठ साल की उम्र में कविता ने चिदंबरम शहर में आयोजित पांचवें विश्व तमिल सम्मेलन में प्रदर्शन किया और दमदार परफारमेंस से सबका दिल जीत लिया.
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पिता से प्रभावित होकर बनीं आईएएस
कविता रामू (Kavitha Ramu) के पिता एम रामू एक आईएएस अफसर थे. कविता अपने पिता से काफी प्रभावित थीं और पिता की तरह आईएएस बनना चाहती थीं. परिवार के लोगों के सपोर्ट के बाद कविता ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी. साल 1999 में उनका चयन तमिलनाडु स्टेट सिविल सर्विसेज में हुआ, हालांकि उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी जारी रखी. साल 2002 में कविता की जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी मिली और उनका संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफलता के बाद आईएएस के रूप में चयन हो गया.
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