शानदार पहल को सलाम, शहीदों के परिवार को गोद लेंगे IAS अधिकारी
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शानदार पहल को सलाम, शहीदों के परिवार को गोद लेंगे IAS अधिकारी

 हाल ही छत्तीसगढ़ के सुकमा में शहीद हुए जवानों के लिए जहां एक ओर अभिनेता अक्षय कुमार ने अपने सोशल साइट के जरिए लोगों से जवानों के परिजनों की मदद करने की अपील की है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर भी इस काम में आगे आए हैं. अक्षय और गौतम के बाद अब आईएएस अधिकारियों ने भी इस दिशा में एक शानदार कदम बढ़ाया है. 

शहीदों के परिवार को गोद लेंगे आईएस अधिकारी (FILE PHOTO)

नई दिल्ली :  हाल ही छत्तीसगढ़ के सुकमा में शहीद हुए जवानों के लिए जहां एक ओर अभिनेता अक्षय कुमार ने अपने सोशल साइट के जरिए लोगों से जवानों के परिजनों की मदद करने की अपील की है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर भी इस काम में आगे आए हैं. अक्षय और गौतम के बाद अब आईएएस अधिकारियों ने भी इस दिशा में एक शानदार कदम बढ़ाया है. 

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नक्सल विरोधी अभियान और कानून-व्यवस्था लागू करने के दौरान जान गंवाने वाले सुरक्षा बलों के परिवार को सहायता देने के लिए आईएएस अधिकारियों ने अनोखी पहल की. ये अधिकारी स्वेच्छा से इन परिवारों को गोद लेंगे ताकि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और सरकार की तरफ से रुकी हुई वित्तीय सहायता/मुआवजा मिल सके. 

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इस दिशा में संस्थागत व्यवस्था का प्रस्ताव रखते हुए असोसिएशन ऑफ आईएएस ऑफिसर ने कहा कि सभी आईएएस अधिकारी एक शहीद जवान के परिवार को गोद लेंगे और 5-10 साल के बीच उनका सहारा बनेंगे. आईएएस अधिकारी अपने राज्य के शहीद जवानों के परिवार को गोद ले सकते हैं. इंडियन सिविल एंड ऐडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (सेंट्रल) असोसिएशन के मानद सेक्रटरी संजय भूसरेड्डी ने कहा, 'अधिकारियों को गोद लिए परिवार को प्रत्यक्ष मदद देने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि उनका साथ देंगे और उनका सहारा बनेंगे ताकि उन्हें सुरक्षा और भरोसा महसूस हो सके कि इस संकट की घड़ी में देश उनके साथ है.'

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शुरुआत में पिछले 4 बैच के 600-700 युवा अधिकारियों से एक परिवार को गोद लेने को कहा गया है. ये अधिकारी अपने इलाके के शहीद जवान के परिवार से संपर्क करेंगे और उन्हें पेंशन, ग्रैचुटी और अन्य दूसरे काम जैसे बच्चों के स्कूल ऐडमिशन, नौकरी, विशेष ट्रेनिंग जैसे मामलों में मदद करेंगे. अगर जवान का परिवार किसी स्टार्ट-अप में रुचि लेगा तो अधिकारी वित्तीय संस्थान के जरिए मदद दिलाने की कोशिश करेंगे.

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आईएएस अधिकारी भूसरेड्डी ने कहा, 'राज्य सिविल सर्विस के सीनियर अधिकारी भी ऐसे परिवार को स्वेच्छा से गोद ले सकेंगे.' राज्य सरकार से कहा गया है कि वे ऐसे जवानों के परिवार का ब्यौरा असोसिएशन के साथ साझा करेंगे. भूसरेड्डी ने कहा कि इसी तरह की जानकारी रक्षा मंत्रालय, बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी से मांगी जा रही है.

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सरकार की योजनाओं का भी दिलाएंगे फायदा 

- शहीद के परिवार को स्टेट या लोकल गवर्नमेंट ने कोई मदद देने का वादा किया है तो उसे दिलाने की जिम्मेदारी भी इन ऑफिसर्स की होगी.

- ये तय करेंगे कि शहीद के बच्चों को लगातार बेहतर एजुकेशन मिलती रहे. उनका हौसला बढ़ाएंगे, ताकि वो अपनी काबिलियत और हुनर के मुताबिक पसंद का करियर चुन सकें.

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- ये ऑफिसर्स यह भी देखेंगे कि क्या शहीद के परिवार को स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया या डिजिटल इंडिया जैसी किसी सरकार स्कीम का फायदा मिल सकता है.
इनके परिवारों को मिलेगी मदद

- भूसरेड्डी ने कहा कि सपोर्ट सिस्टम सीआरपीएफ, बीएसएफ, आर्मी और लोकल पुलिस के साथ काम करते हुए शहीद होने वालों के परिवारों की मदद करेगा.

- उन्होंने कहा, "राज्य सरकारों से ऐसे परिवारों की डिटेल देने को कहा जा रहा है."

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