सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि अगर फिर भी वे नहीं समझे तो हम फिर से नियंत्रण रेखा के पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए तैयार हैं.
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नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार (25 सितंबर) को कहा कि पिछले वर्ष नियंत्रण रेखा के पार जाकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए एक संदेश था, और उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर और भी इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक का संकेत दिया. रावत ने 'इंडियाज मोस्ट फीयरलेस' नामक किताब के लोकार्पण के बाद कहा, "स्ट्राइक एक संदेश था, जिसे हम देना चाहते थे. मैं समझता हूं कि वे हमारे संदेश को समझ गए हैं. जरूरत पड़ने पर ऐसी कार्रवाई फिर की जा सकती है." इस किताब में म्यांमार सीमा और नियंत्रण रेखा के पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सामग्री है. रावत ने कहा कि आतंकवादी लगातार आते रहेंगे और भारतीय सैनिक उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, "हम किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए तैयार हैं. आतंकवादी सीमा के उस पार तैयार हैं और हम सीमा के इस तरफ उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं. हम उनका स्वागत करेंगे और उन्हें उनकी कब्र में दफन कर देंगे."
Surgical strike was conducted to send a message&if adversaries do not understand,it will be repeated:Army Chief General Bipin Rawat in Delhi
— ANI (@ANI) September 25, 2017
इसके पहले भी सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सेना दिवस के मौके पर (15 जनवरी) कहा था कि भारत शांति चाहता है, लेकिन शांति को बाधित किया जाता है तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. उन्होंने यह चेतावनी पाकिस्तान का नाम लिए बगैर दी थी. दिल्ली छावनी में आयोजिक कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने कहा कि नई दिल्ली के खिलाफ छद्म युद्ध को दिए जा रहे सहयोग के बावजूद भारत शांति चाहता है. उन्होंने यह बयान पाकिस्तान का नाम लिए बगैर दिया. उन्होंने कहा, "छद्म युद्ध को दिए जा रहे सहयोग के बावजूद हम नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति चाहते हैं. हालांकि, किसी भी संघर्षविराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा."
भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा जम्मू एवं कश्मीर को बांटती है. जनरल ने कहा कि यदि सीमा पर शांति को बाधित किया जाता है तो भारतीय सेना अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा, "हम सीमा पर शांति चाहते हैं. लेकिन शांति को बाधित करने के किसी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीमा पर शांति बहाली के हमारे प्रयास को कमजोरी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए."
Sarhad ke us paar jo atankwadi hain, wo taiyaar baithe hain. Hum bhi unke liye iss taraf taiyaar baithe hain: Army Chief General Bipin Rawat
— ANI (@ANI) September 25, 2017
उन्होंने कहा, "हम दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन हम शांति बहाली को बाधित करने वालों को चेतावनी देना चाहते हैं कि हम अपनी शक्ति भी अच्छी तरह प्रदर्शित कर सकते हैं." रावत ने कहा, "सेना, वायुसेना और नौसेना को आगामी चुनौतियों का मिलकर सामना करना चाहिए." उन्होंने कहा, "यह जरूरी है कि सभी तीनों बल साथ मिलकर काम करें. यह सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा."