बैंकॉक से आए दो मुसाफिरों के कब्जे से मिला 43 लाख रुपए का सोना. सोने के आभूषणों को बनाने के लिए करीब डेढ़ किलो सोने का किया गया था इस्तेमाल.
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नई दिल्ली: सोने के आभूषणों का शौक बैंकाक से आए दो मुसाफिरों को भारी पड़ गया. दोनों यात्री की पहली गलती यह थी कि वह निर्धारित मूल्य से अधिक मात्रा में सोने के आभूषण विदेश से लेकर आए थे. वहीं इनकी दूसरी और सबसे बड़ी गलती यह थी कि दो मुसाफिर बिना कस्टम ड्यूटी अदा किए इन आभूषणों को दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर ले जाने की कोशिश कर रहे थे. दोनों मुसाफिर अपनी कोशिश में सफल होते, इससे पहले इन पर कस्टम की एयर प्रिवेंटिव टीम का शिंकजा कस गया. कस्टम ने इस कोशिश को तस्करी मानते हुए दोनों मुसाफिरों को गिरफ्तार कर सोने के सभी आभूषण जब्त कर लिए हैं.
कस्टम विभाग के एडिशन कमिश्नर डॉ. अमनदीप सिंह के अनुसार, दोनों मुसाफिर एयर इंडिया की बैंकॉक से आने वाली फ्लाइट AI-335 से आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री पहुंचे थे. एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम प्रिवेंटिव की टीम ने दोनों मुसाफिरों को ग्रीन चैनल पर जांच के लिए रोका. जांच के दौरान, कस्टम की प्रिवेंटिव विंग के अधिकारियों ने दोनों मुसाफिरों के बैग को एक्स-रे से स्कैन किया. जिसमें आभूषणों की आकृति नजर आई. बैग की तलाश लेने पर उसके भीतर से कड़े और चेन बरामद की गईं.
Delhi customs @ IGIA seized 1300 gms of gold valued@43 lakhs on 03.07.18 from two passengers coming from Bangkok. The gold was in the form of chains and Kadas. Both have been arrested #cbic_india #finmin pic.twitter.com/KBmno2Eq3h
— Customsdelhi_tweet (@Delhicustoms) July 4, 2018
जांच में पता चला कि इन आभूषणों को तैयार करने के लिए 1 किलो 400 ग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया था. बरामद किए गए सोने के आभूषणों की कीमत करीब 42 लाख 43 हजार रुपए आंकी गई है. इन आभूषणों के बाबत कोई संतोषजनक जवाब न दे पाने के चलते कस्टम प्रिवेंटिव के अधिकारियों ने दोनों मुसाफिरों को हिरासत में ले लिया. जिसके बाद दोनों मुसाफिरों को कस्टम एक्ट की धारा 110 के तहत गिरफ्तार कर सोने के आभूषणों को जब्त कर लिया गया.
कस्टम के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दोनों मुसाफिरों से जब्त किए गए आभूषणों में सोने के दस कड़े और सोने से बनी तीन चेन शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इन आभूषणों को बनाने के लिए सोने की 11 रॉड का इस्तेमाल किया गया था. आभूषणों की फिनिशिंग को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये आभूषण पहनने की उद्देश्य से नहीं लाए गए थे. एयरपोर्ट से निकलने के बाद दोनों मुसाफिर इन आभूषणों को गलाकर सोने के नए आभूषण बनाने के लिए करने वाले थे.