लो जी एक सप्ताह पहले ही आ गया मानसून, कहां-कहां होगी जमकर बारिश, मई-जून और जुलाई का हाल तो जान लें
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लो जी एक सप्ताह पहले ही आ गया मानसून, कहां-कहां होगी जमकर बारिश, मई-जून और जुलाई का हाल तो जान लें

IMD declares monsoon: देशभर में इस बार मानसून समय से पहले दस्तक दे गया है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत की घोषणा की. यह मानसून बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों, दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और उत्तरी अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में अपनी निर्धारित समय से करीब एक हफ्ते पहले पहुंच गया है. IMD के मुताबिक, अगले तीन से चार दिनों में मानसून देश के और हिस्सों में आगे बढ़ेगा.

लो जी एक सप्ताह पहले ही आ गया मानसून, कहां-कहां होगी जमकर बारिश, मई-जून और जुलाई का हाल तो जान लें

IMD declares monsoon: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत की घोषणा की. यह मानसून बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों, दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और उत्तरी अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में अपनी निर्धारित तारीख से करीब एक हफ्ते पहले पहुंच गया है. IMD के मुताबिक, अगले तीन से चार दिनों में मानसून देश के और हिस्सों में आगे बढ़ेगा. इस साल मानसून का इन क्षेत्रों में आगमन पिछले सात सालों में सबसे जल्दी दर्ज किया गया है. 

पोर्ट ब्लेयर में मानसून का जल्दी आ रहा
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, IMD के सामान्य शेड्यूल के अनुसार, दक्षिण अंडमान सागर और पोर्ट ब्लेयर में मानसून की शुरुआत 21 मई को होती है. लेकिन इस बार यह 13 मई को ही शुरू हो गया. IMD ने बताया कि अगले कुछ दिनों में मानसून दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, बंगाल की खाड़ी के और हिस्सों, पूरे अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ेगा.

निकोबार द्वीप में भयंकर बारिश
सोमवार से निकोबार द्वीप समूह में कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है. पिछले दो दिनों से इन द्वीपों पर जमकर बारिश हो रही है, जो मानसून की शुरुआत की घोषणा के लिए एक अहम माना जा रहा है. IMD के अनुसार, इस साल मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है. अनुमान है कि बारिश लंबी अवधि के औसत (880 मिमी) की तुलना में 105 प्रतिशत होगी. 

इस बार मानसून के जल्दी आने का संकेत
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि उत्तर भारत में सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान, निचले वायुमंडलीय स्तरों में पश्चिमी हवाओं का मजबूत होना, ऊपरी वायुमंडलीय स्तरों में पूर्वी हवाओं का बढ़ना, दक्षिणी प्रायद्वीप में करीब 40 दिनों तक प्री-मानसून बारिश और गरज-चमक के साथ तूफान, और उत्तर-पश्चिम प्रशांत महासागर में सामान्य से अधिक दबाव की वजह से इस बार मानसून के जल्दी आने का संकेत दे रहे हैं.

जून से सितंबर के बीच देश के 70 प्रतिशत से अधिक हिस्से में बारिश
उन्होंने कहा कि मौजूदा समुद्री और वायुमंडलीय परिस्थितियां की वजह से केरल में मानसून जल्दी आ सकता है. भारतीय मौसम मॉडल और कई वैश्विक मॉडल भी इस बात पर सहमत हैं कि केरल में 1 जून (सामान्य तारीख) से पहले भारी बारिश देखने को मिल सकती है. दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत का प्रमुख बारिश का मौसम है.जिससे सबसे अधिक किसानों को फायदा मिलता है. देश के 70 प्रतिशत से अधिक हिस्से में जून से सितंबर के बीच बारिश होती है. हर साल मानसून की हवाएं मई के तीसरे हफ्ते में अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी में पहुंचती हैं और फिर mainland भारत की ओर बढ़ती हैं.

केरल में 5 दिन पहले मानसून पहुंचने की उम्मीद
IMD तब मानसून की आधिकारिक शुरुआत की घोषणा करता है, जब यह केरल पहुंचता है, जहां सामान्य तारीख 1 जून है. इस साल केरल में मानसून के 27 मई के आसपास, यानी पांच दिन पहले पहुंचने की उम्मीद है. पूरे देश को कवर करने में मानसून को 15 जुलाई तक का समय लगता है.

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