नई दिल्ली: कोरोना काल में आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण आपका स्वास्थ्य, आपकी सेहत और आपकी इम्युनिटी है. जिस अदृश्य दुश्मन से दुनिया लड़ रही है, उसे हराने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपका शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हो. इसलिए ZEE NEWS आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण कार्यक्रम इंडिया इम्युनिटी E-CONCLAVE लाया है.


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ImmunityConclaveOnZee में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में सिर्फ कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या पर नहीं जाना चाहिए. दूसरों राज्यों के मुकाबले यहां ज्यादा टेस्ट हुए हैं इसीलिए यहां कोरोना के केस ज्यादा हैं. आज हम रोजाना 24 हजार टेस्ट करवा रहे हैं, उनमें से दो से ढाई हजार लोग ही पॉजिटिव आ रहे हैं.


रैपिड टेस्ट ये फायदा हुआ कि रिजल्ट आधा घंटे में ही मिल जाता है. पहले 2 दिन बाद जब टेस्ट का रिजल्ट आता था तब तक संदिग्ध के और लोगों के संक्रमित करने की संभावना बहुत रहती थी. हम 2 लाख लोगों का रैपिड टेस्ट कर चुके हैं. हमने 11 लाख रैपिड टेस्ट किट खरीदी थीं. अभी भी हमारे पास 9 लाख किट हैं. दिल्ली में होम आइसोलेशन से काफी फायदा मिला, जिससे देश भर से ज्यादा दिल्ली में रिकवरी रेट है.


कोरोना संक्रमित होने पर हमारी टीम शख्स को ऑक्सीजन देकर आती है और नंबर देकर आती है कि कोई दिक्कत हो तो यहां फोन करना. पहले हमने एक कंपनी हायर की थी जो मरीजों को रोजाना फोन करके हालचाल लेती थी लेकिन केंद्र सरकार ने उसे रुकवा दिया. हालांकि अब हम फिर से कंपनी हायर कर रहे हैं ये काम आने वाले दो-चार दिन में फिर से शुरू हो जाएगा.


मैंने भारत सरकार के पोर्टल पर एक्सपर्ट्स के दिए गए अनुमान के आधार पर कहा था कि 21 जुलाई तक दिल्ली में साढ़े पांच लाख केस हो जाएंगे. ये अनुमान सभी राज्यों के लिए किया जाता है. वो सिर्फ जून के लिए था. हालांकि अभी स्थिति पहले से ठीक है लेकिन कोरोना अभी गया नहीं है. ये बात सही है कि 70 फीसदी लोग सही हो चुके हैं. जब हम कहते हैं कि 97 हजार लोग संक्रमित हो गए हैं तो उसका मतलब है कि 70 हजार लोग ठीक हो चुके हैं. अब नंबर कम आ रहा है. जून में हम 2000-2500 टेस्ट करवा रहे थे तब भी दो हजार के करीब केस आ रहे थे लेकिन आज 24 हजार टेस्ट करवाने पर भी वही हो रहा है. हमने अपनी तैयारी और खतरनाक स्थिति के लिए रोक रखी है.


हमें केंद्र सरकार की तरफ से सहयोग मिल रहा है. आज डीआरडीओ का हॉस्पिटल जिसमें 250 आईसीयू हैं वो मिला है. आईटीबीपी का मेडिकल स्टाफ 10 हजार के बेड वाला हॉस्पिटल चलाने के लिए मिला है. केंद्र सरकार, सामाजिक संस्थाएं सभी मिलकर ही कोरोना को हराया जा सकता है.


केंद्र सरकार से मतभेद व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को लेकर हों तो वो रहेंगे. कहीं केंद्र सरकार ने हमारी बात मानी तो कहीं हमने भी उनकी बात मानी.