शीना के खाते में रखा धन ही तो कहीं उसकी हत्या का कारण नहीं बना?
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शीना के खाते में रखा धन ही तो कहीं उसकी हत्या का कारण नहीं बना?

पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी से शुक्रवार को सीबीआई ने छह घंटे पूछताछ की, जो यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी द्वारा स्थापित मीडिया हाउस से कथित रूप से धन निकालकर शीना बोरा के विदेशी खाते में जमा करने के बाद ही क्या इंद्राणी और उनकी बेटी के बीच विवाद पैदा हुआ, जो अंतत: शीना की मौत की वजह बना।

शीना के खाते में रखा धन ही तो कहीं उसकी हत्या का कारण नहीं बना?

नई दिल्ली : पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी से शुक्रवार को सीबीआई ने छह घंटे पूछताछ की, जो यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी द्वारा स्थापित मीडिया हाउस से कथित रूप से धन निकालकर शीना बोरा के विदेशी खाते में जमा करने के बाद ही क्या इंद्राणी और उनकी बेटी के बीच विवाद पैदा हुआ, जो अंतत: शीना की मौत की वजह बना।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने आज विभिन्न सत्रों में इसी संबंध में पूछताछ की। एजेसी ने पीटर को उनके और इंद्राणी द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न दिखाए ताकि भारत और विदेश में उनके निवेशों का पता चल सके।

हालांकि सूत्रों ने स्पष्ट किया कि इस समय शीना की हत्या के पीछे किसी भी सटीक संभावित मंशा के बारे में कुछ कह पाना संभव नहीं है और एजेंसी विभिन्न कोणों पर काम कर रही है जो इस वारदात की वजह हो सकते हैं।

शीना (24) की उसकी मां इंद्राणी, इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना और पूर्व ड्राइवर श्यामवीर राय ने अप्रैल, 2012 में कथित रूप से हत्या कर दी थी। शीना इंद्राणी के पहले विवाह से उत्पन्न संतान थी। मुम्बई की विशेष अदालत से पीटर की हिरासत की मांग करते हुए सीबीआई ने दावा किया है कि उन्होंने उसे बताया है कि हो सकता है कि इंद्राणी ने हांगकांग और सिंगापुर में शीना के नाम पर खाते खोले हों।

सीबीआई के अनुसार पीटर और इंद्राणी की कंपनी नाइन एक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपना आतंरिक लेखा परीक्षण कराया जिससे पता चला कि मार्च 2009 में इसमें नौ कंपनियों के शेयर थे अैर पीटर एवं इंद्राणी ने काफी धन का हेर-फेर किया। सीबीआई के वकील अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत से कहा कि आईएनएक्स (जिसमें पीटर और इंद्राणी साझेदार थे) से इधर-उधर किया गया धन सिंगापुर में शीना बोरा के एचएसबीसी खाते में डाला गया।

सीबीआई ने पीटर की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय और आयकर की रिपोर्ट और चार्टर्ड एकाउंटेंट के दस्तावेज इन तथ्यों के मुख्य आधार हैं।

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