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नई दिल्ली: केंद्र से लेकर राज्यों तक के चुनाव में छाए रहने वाले राम मंदिर (Ram Mandir) का मुद्दा तब और भारी-भरकम हो जाता है, जब बात उत्तर प्रदेश के चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) की हो. बात चाहे राम मंदिर निर्माण के पहले की हो या बाद की, यूपी के चुनाव 'राम' नाम के बिना अधूरे हैं. लेकिन यहां की एक विधानसभा सीट (UP Assembly Seat) तो ऐसी है जहां राम नाम का गजब का जादू चलता है. इस सीट पर आकर मुख्यमंत्री (Chief Minister) से लेकर प्रधानमंत्री (Prime Minister) तक नतमस्तक हो जाते हैं.
यूपी के इन चुनावों (UP Chunav) में भी राम मंदिर का मुद्दा हावी रहेगा, वजह होगी राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेना. लेकिन भगवान राम के जन्म स्थल अयोध्या (Ayodhya) की ही एक सीट ऐसी है जहां राम नाम के बिना विधानसभा चुनावों की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. इस सीट पर ज्यादातर उन्हीं प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है, जिनके नाम में राम शब्द है. यह वाकई एक गजब संयोग है कि अयोध्या (Ayodhya) की बीकापुर विधानसभा सीट (Bikapur Assembly Seat) पर सबसे ज्यादा कब्जा राम नाम के प्रत्याशियों का ही रहा है. यहां 10 विधायक ऐसे हो चुके हैं जिनके नाम में राम शब्द जुड़ा हुआ है.
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1962 में बनी बीकापुर सीट पर पहली बार के चुनाव में कांग्रेस के अखंड प्रताप सिंह विधायक बने. इसके बाद 1974 से राम नाम का जो जलवा शुरू हुआ, वो अब तक जारी है. 1974 में पहली बार यहां राम नाम के कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम निषाद विधायक चुने गए. इसके बाद उनकी जीत का सिलसिला भी जारी रहा. वे कुल जमा 6 बार इस सीट से विधायक बने. इस सीट से विधायक चुने गए राम नाम के दूसरे प्रत्याशी का नाम है संत श्रीराम द्विवेदी. वे भी यहां से 3 बार विधायक बने. उन्होंने जनता पार्टी की टिकट पर भी चुनाव लड़ा और बाद में बीजेपी के टिकट पर भी मैदान में उतरे.
इसके बाद 1993 के चुनावों में इस सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी परशुराम राम ने जीत दर्ज की.
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1974 से लेकर 2017 तक के विधानसभा चुनावों की बात करें तो अब तक 10 बार यहां राम नाम वाले विधायक जीत दर्ज करा चुके हैं. वहीं बिना राम नाम वाले विधायक 2007 के बाद ही पहली बार कामयाब हो पाए. 2007 में बसपा के जितेंद्र सिंह बब्लू, 2012 में सपा के मित्रसेन यादव, 2016 में सपा के आनंदसेन यादव और 2017 में बीजेपी की शोभा सिंह चौहान ने यहां जीत दर्ज की. इस बार 27 फरवरी को इस सीट पर वोट पड़ने हैं. देखते हैं इस बार किस प्रत्याशी की किस्मत चमकती है.