सोनिया के रायबरेली न आने पर कांग्रेस MLA अदिति सिंह ने उठाए सवाल
Advertisement

सोनिया के रायबरेली न आने पर कांग्रेस MLA अदिति सिंह ने उठाए सवाल

रायबरेली की बागी कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने संसदीय क्षेत्र में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की लंबे समय से गैरमौजूदगी पर सवाल उठाया है. इससे पार्टी की फजीहत और बढ़ गई है.

फाइल फोटो

रायबरेली: रायबरेली की बागी कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने संसदीय क्षेत्र में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की लंबे समय से गैरमौजूदगी पर सवाल उठाया है. इससे पार्टी की फजीहत और बढ़ गई है. सोनिया गांधी ने वर्ष 2004 में अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ने का निर्णय किया था और तब से वह यहां से लगातार जीत दर्ज कर रही हैं. बहरहाल, अदिति सिंह ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान सोनिया गांधी यहां केवल दो ही बार आई हैं. 2019 चुनाव से पहले अपना नामांकन दाखिल करने के लिए वह केवल एक बार रायबरेली आई हैं.

  1. कांग्रेस की युवा विधायक ने उठाए सवाल
  2. रायबरेली से दूर क्यों रहती हैं सोनिया गांधी?
  3. विधायक राकेश सिंह ने भी अपनाए बगावती तेवर

दो विधायकों ने फूंका बगावत का बिगुल

रायबरेली ही उत्तर प्रदेश में एकमात्र ऐसी सीट है जिस पर कांग्रेस काबिज है. लेकिन, अब यह सीट पार्टी के लिए एक मुसीबत बनकर उभरी है. रायबरेली से कांग्रेस के दो विधायकों-अदिति सिंह और राकेश सिंह ने पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है. अब अन्य नेता भी कांग्रेस में इस 'नई संस्कृति' के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं. इस 'नई संस्कृति' में वयोवृद्ध नेताओं को पूरी तरह दरकिनार किया जा रहा है और 'दल-बदलुओं' को तरजीह दी जा रही है.

ये भी पढ़ें: 'मुस्लिम युवक बिना तलाक कर सकता है दूसरी शादी लेकिन महिला नहीं': High Court

पार्टी में दलालों का बोलबाला!

यूथ कांग्रेस के नेता अनुज कुमार सिंह ने हाल ही में कहा था कि 'हम पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए वर्षो से इसके लिए काम कर रहे हैं, लेकिन अब हम उपेक्षित और तिरस्कृत किया जा रहा है. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के दौर के नेताओं के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है. पार्टी में अब दलालों का बोलबाला हो गया है जिन्हें कांग्रेस की विचारधारा की जानकारी भी नहीं है.' पार्टी के पूर्व सचिव शिव कुमार पांडे ने कहा कि पार्टी में जिम्मेदार पदों पर उन लोगों को बिठाया जा रहा है जो कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने भी मौजूदा स्थिति के बारे में पार्टी आलाकमान को सूचित करने की कोशिश कर दी तो उसे फौरन पार्टी से निकाल दिया जाता है. हाल के महीनों में लगभग 35 प्रतिशत कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकाला जा चुका है. 'हम वयोवृद्ध नेताओं के सम्मान के लिए नहीं लड़ेंगे.'

Trending news