किन्तु-परन्तु के बीच जस्टिस केएम जोसेफ बने सुप्रीम कोर्ट के जज, 2 और जजों ने ली शपथ
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किन्तु-परन्तु के बीच जस्टिस केएम जोसेफ बने सुप्रीम कोर्ट के जज, 2 और जजों ने ली शपथ

चीफ जस्टिस की कोर्ट में सभी जजों की मौजूदगी में सीजेआई दीपक मिश्रा ने तीनों जजों को शपथ दिलाई.

जस्टिस केएम जोसेफ

नई दिल्ली: केंद्र सरकार से नियुक्ति को मंजूरी मिलने के बाद जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस विनीत शरण ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में शपथ ली. सरकार की अधिसूचना के मुताबिक ही शपथ ग्रहण हुआ. सबसे पहले जस्टिस इंदिरा बनर्जी उसके बाद विनीत शरण फिर आखरी में केएम जोसेफ को शपथ दिलाई गई. चीफ जस्टिस की कोर्ट में सभी जजों की मौजूदगी में सीजेआई दीपक मिश्रा ने तीनों जजों को शपथ दिलाई. इन तीन जजों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट मे कुल जजों की संख्या 25 हो गई है. हालांकि अभी भी 6 जजों की कमी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों की संख्या 31 होती है. दरअसल, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ, मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत शरण को सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी की थी.आपको बता दें कि जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति करने की दूसरी बार भेजी गई कोलीजियम की सिफारिश सरकार ने स्वीकार कर ली थी. जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने को लेकर न्यायपालिका और सरकार के बीच पिछले 7 महीने से टकराव चल रहा था.जोसेफ की प्रोन्नति दोनों के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई थी.  

  1. जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस विनीत शरण बने सुप्रीम कोर्ट के जज
  2. चीफ जस्टिस सीजेआई दीपक मिश्रा ने सभी जजों को दिलाई शपथ
  3. सुप्रीम कोर्ट में अभी भी छह जजों की कमी, कुछ जज 31 होने चाहिए

जस्टिस जोसेफ की सीनियोरिटी उठा था मुद्दा 
जस्टिस केएम जोसेफ़ के सीनियोरिटी मसले को लेकर सोमवार सुबह चाय के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ सहित कुछ जजों ने सीजेआई दीपक मिश्रा के सामने इस मामले को उठाया था.सीजेआई ने जजों को भरोसा दिलाया था कि वे इस मुद्दे को सरकार के साथ उठाएंगे.सीजेआई ने कहा था कि वे इस मुद्दे पर अर्टनी जनरल केके वेणुगोपाल से बात करेंगे.दरअसल, जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति में फेरबदल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज नाराज हैं.आपत्ति इस बात पर है कि केंद्र की अधिसूचना में जस्टिस इंद्रारा बनर्जी, विनीत शरण के बाद जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है जिससे इन दोनों जजों से सीनियर होते हुए भी जस्टिस जोसेफ वरीयता में जूनियर हो गए हैं.सुप्रीम कोर्ट में शपथ लेने और नियुक्ति के तय वरिष्ठताक्रम को देखा जाए तो जस्टिस जोसेफ का नाम जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत शरण के बाद सबसे नीचे है. यानी वे फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सबसे जूनियर न्यायाधीश हैं. 

10 जनवरी को हुई थी सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट कोलीजियम ने जोसेफ के नाम की पहली बार 10 जनवरी को सिफारिश की थी लेकिन सरकार ने करीब चार महीने सिफारिश लंबित रखने के बाद जोसेफ का नाम पर पुनर्विचार के लिए कोलीजियम को वापस भेज दिया था.सरकार ने जस्टिस जोसेफ का नाम वापस करते हुए उनकी वरिष्ठता पर सवाल उठाए थे.साथ ही ये भी कहा था कि जस्टिस जोसेफ मूलत: केरल हाईकोर्ट से आते हैं जबकि केरल का पहले ही सुप्रीम कोर्ट मे पर्याप्त प्रतिनिधित्व है और बाकी कई प्रान्त हैं जिनका सुप्रीम कोर्ट में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. इसके बाद न्यायपालिका में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी.  

जस्टिस जोसेफ के नाम को दोबारा भेजा गया था
जस्टिस जे. चेलमेंश्वर (अब सेवानिवृत) ने चीफ जस्टिस को पत्र लिख कर सिफारिश दोबारा भेजे जाने की बात कही थी इसके अलावा कोलीजियम के दूसरे सदस्य जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भी एक बयान में सिफारिश दोहराने की बात कही थी. इसके बाद कोलीजियम ने गत 20 जुलाई को सरकार की आपत्तियां दरकिनार करते हुए जस्टिस जोसेफ के नाम की दोबारा सिफारिश कर दी थी.कोलीजियम ने दोबारा भेजी सिफारिश में कहा था कि उसने सरकार के 26 और 30 अप्रैल के पत्रों में उठाई गई आपत्तियों पर गहनता से विचार किया है और सारे पहलुओं पर गौर करने के बाद वह अपनी सिफारिश दोहराती है. 

एक अहम बात ये कि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ये पहली बार होगा, जब एक साथ तीन महिला जज हैं. जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने आज शपथ ली. उनके अलावा जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस इंदु मल्होत्रा महिला जज हैं. जस्टिस इंदिरा बनर्जी SC की आठवीं महिला जज हैं.

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