स्वतंत्रता दिवसः समारोह में आदिवासी कारीगारों का बनाया सामान होगा आकर्षण का केंद्र
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स्वतंत्रता दिवसः समारोह में आदिवासी कारीगारों का बनाया सामान होगा आकर्षण का केंद्र

 केंद्रीय अदिवासी मामलों के मंत्रालय के अधीन आने वाले आदिवासी सहकारिता विपणन विकास परिसंघ (टीआरआईएफईडी) ने बांस के ये पंखों की खेप रक्षा मंत्रालय को अपूर्ति करायी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्लीः आदिवासी कारीगरों द्वारा बनाया गया और पेंट किया हुआ बांस का पंखा इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मौजूद अतिविशिष्ट लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र होगा क्योंकि समारोह में शिरकत करने वाले सांसदों, मंत्रियों और अन्य गणमान्य अतिथियों को दिये जायेंगे. रक्षा मंत्रालय ने बांस के बनाए गए ऐसे हजारों पंखे खरीदे हैं. आदिवासी उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के सरकार के मकसद से ऐसा कदम उठाया गया है. केंद्रीय अदिवासी मामलों के मंत्रालय के अधीन आने वाले आदिवासी सहकारिता विपणन विकास परिसंघ (टीआरआईएफईडी) ने बांस के ये पंखों की खेप रक्षा मंत्रालय को अपूर्ति करायी है. रक्षा मंत्रालय ही स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन करता है.

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एक पंखे की कीमत 150 रूपये है 
बांस के बने इन पंखों की पेशकश समारोह में मौजूद मंत्रियों, सांसदो और अन्य अतिविशिष्ट लोगों को किये जायेंगे. टीआरआईएफईडी के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने बताया, "पश्चिम बंगाल के महली आदवासी समुदाय के कलाकारों ने बांस के इन पंखों को बनाया है. इन पंखों पर दोनो तरफ आदिवासी चित्रांकन किया गया है. एक पंखे की कीमत 150 रूपये है और ये पैसे आदिवासी लोगों को मिलेगा." ये पंखे बिक्री के लिए ट्राइब्स इंडिया डाट काम और अमेजन पर उलब्ध है.

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लोगों ने रोपे जा सकने वाली राखियों का निर्माण किया है
मध्य प्रदेश के सहारिया आदिवासी समुदाय के लोगों ने रोपे जा सकने वाली राखियों का निर्माण किया है. इसके लिए गैर रसायनिक खाद का उपयोग किया जाता है. इस रोपी जाने वाली राखी के किट में एक पेंसिल (ल्युपिन के फूल), एक पत्र (टमाटर) और ‘रोली एवं चावल’ के लिए कागज के बाक्स होंगे. इसकी कीमत 120 रूपये है जो ट्राइब्स इंडिया की 42 दुकानों, ट्राइब्स इंडिया डाट काम, अमेजन, स्नैपडील, पेटीएम और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है. रक्षा बंधन के लिए परंपरागत कपड़े भी ट्राइब्स इंडिया की दूकानों तथा ई कामर्स वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. (इनपुटः भाषा)

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