2019 तक भारत स्वच्छता मिशन में 100 फीसदी कामयाबी हासिल कर लेगा : WHO
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2019 तक भारत स्वच्छता मिशन में 100 फीसदी कामयाबी हासिल कर लेगा : WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वच्छता मिशन में भारत सरकार को न केवल तकनीकी मदद की बल्कि, स्वच्छता और पेयजल सर्वेक्षण पर भी अहम काम किए हैं.

भारत ने अक्टूबर 2019 तक 100 फीसदी खुले में शौच मुक्त देश करने का लक्ष्य रखा है

नई दिल्ली : भारत में चलाए जा रहे स्वच्छता मिशन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने संतोष जाहिर किया है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्वच्छता के मामले में भारत की प्रगति संतोषजनक है और अगर यह प्रगति इसी रफ्तार में बढ़ती रही तो भारत निश्चित ही 2019 तक स्वच्छता मिशन में 100 फीसदी की कामयाबी हासिल कर लेगा. इस अभियान के शुरू होने के बाद से भारत में उल्टी-दस्त जैसे संक्रामक रोगों से होने वाली मौतों पर काफी हद तक अंकुश लगा है और इस अभियान के पूरा होने पर देश में उल्टी-दस्त तथा प्रोटीन-ऊर्जा कुपोषण (पीईएम) से होने वाली हर साल 3 लाख मौतों को रोका जा सकता है.  
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के शुरुआती सर्वे से साफ हो गया है कि इस अभियान से खुले में शौच करने वालों की संख्या में लगातार काफी कमी आ रही है और गंदगी के कारण होने वाली समयपूर्व मौत और बीमारियों पर भी अंकुश लग रहा  है. 

मिशन में किए जा रहे कामों के आधार पर, अगर स्वच्छता सेवाओं का पूरी तरह से इस्तेमाल किया जाए तो इस मिशन के तहत ही 14 मिलियन लोगों को स्वस्थ्य जीवन दिया जा सकता है. यह देखा गया है कि 2014 में स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने से पहले गंदगी के कारण डायरिया के 199 मिलियन मामले हर साल दर्ज किए जाते थे, लेकिन जब से यह अभियान शुरू किया गया है, डायरिया के मामलों में काफी कमी आई है. 

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि भारत में स्वच्छता मिशन की कामयाबी असर केवल भारत पर ही नहीं बल्कि, दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों पर भी पड़ रहा है. दक्षिण-पूर्व एशिया में कुपोषण के मामलों में लगातार कमी आ रही है. 

डब्ल्यूएचओ ने भारत सरकार के साथ मिलकर स्वच्छता सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण काम किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वच्छता मिशन में भारत सरकार को न केवल तकनीकी मदद की बल्कि स्वच्छता और पेयजल सर्वेक्षण पर भी अहम काम किए हैं. डब्ल्यूएचओ ने राजस्थान और पश्चिम बंगाल में स्वच्छता और पेयजल पर बड़े स्तर पर काम किया है.

डब्ल्यूएचओ भारत समेत दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में सतत विकास के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहा है. इसमें सतत विकास के 6 गोल तय किए हैं. इनमें स्वच्छ जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रमुख हैं.

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