नगालैंड में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया AFSPA, गृह मंत्रालय ने जारी किया ऑर्डर; इतने दिनों में देनी होगी रिपोर्ट
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नगालैंड में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया AFSPA, गृह मंत्रालय ने जारी किया ऑर्डर; इतने दिनों में देनी होगी रिपोर्ट

Afspa extended in Nagaland: नगालैंड में विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (AFSPA) को छह महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है. AFSPA कानून सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है. फायरिंग जैसे हालातों में यह कानून सुरक्षा बलों को प्रतिरक्षा भी देता है.

नगालैंड में विवादास्पद अफस्पा कानून 6 महीने के लिए बढ़ा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: नगालैंड में विवादित कानून सशस्त्र बल (विशेष) अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को छह महीने (30 जून 2022) तक के लिए बढ़ा दिया गया है. गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. यह कानून सेना को राज्य के अशांत क्षेत्र में कहीं भी स्वतंत्र रूप से संचालित करने के लिए व्यापक अधिकार देता है. जिन क्षेत्रों में एएफएसपीए (AFSPA) लागू है, वहां किसी भी सैन्यकर्मी को केंद्र की मंजूरी के बिना हटाया या परेशान नहीं जा सकता है.

  1. नगालैंड: विरोध के बीच 6 महीनों के लिए बढ़ाया गया AFSPA
  2. नगालैंड में विवादास्पद अफस्पा कानून 6 महीने के लिए बढ़ा
  3. काफी समय से हो रही है प्रदेश में इस कानून को हटाने की मांग 
  4.  

लंबे समय से जारी है विरोध

आपको बता दें कि इस कानून का विरोध लंबे समय से जारी है. इस बीच ताजा मामले में कुछ आम नागरिकों की मौत के बाद बढ़ते तनाव को कम करने के लिए केंद्र ने अफस्पा को हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा नगालैंड (Nagaland) और असम (Assam) के मुख्यमंत्रियों नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) और हिमंत बिस्वा सरमा के साथ बैठक करने के बाद समिति का गठन किया गया.

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भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी 5 सदस्यीय समिति की अगुवाई करेंगे, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल समिति के सदस्य सचिव होंगे. एक अधिकारी ने बताया कि समिति के अन्य सदस्य नगालैंड के मुख्य सचिव और डीजीपी और असम राइफल्स के डीजीपी हैं. समिति 45 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.

क्यों तेज हुआ था विरोध?

आपको बता दें कि नगालैंड के मोन जिले में 4 दिसंबर को उग्रवाद विरोधी अभियान के दौरान ‘गड़बड़ी' हो गई और 14 आम नागरिकों की मौत हो गई. नागरिकों की मौत के बाद अफस्पा कानून को वापस लेने की मांग जोर पकड़ रही है. अफस्पा को वापस लेने के लिए नगालैंड की राजधानी कोहिमा समेत कई जिलों में विरोध प्रदर्शन भी हुए. इसमें AFSPA को बैन करने की मांग की गई. 

(पीटीआई इनपुट के साथ)

 

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