Himalayan Mountains: हिमालय पर्वत का हमारे जीवन में काफी असर है. इसके होने की वजह से जलवायु नियंत्रण में रहता है, अगर हिमालय न होता तो कहीं पर पानी की कमी हो जाती तो कहीं पर तापमान बढ़ जाता, इससे लोगों के जीवन में ये असर पड़ता.
Trending Photos
)
Himalayan Mountains: हिमालय...हिमालय का नाम सुनने के बाद आपके जेहन में क्या चलता है? कुछ आध्यात्मिक बातें, सांस्कृतिक या फिर कुछ और? लोग अलग-अलग तरह से इसके बारे में सोचते हैं. हिमालय को पृथ्वी की छत कहा जाता है ये केवल पर्वत श्रृंखला नहीं है बल्कि ये जीवनदायिनी का प्रतीक है. हिमालय के होने की वजह से हमारे देश की जलवायु संतुलित रहती है, इसका सीधा असर लोगों के जीवन से है, अगर हिमालय न होता तो भारत सहित कई देशों में पानी की किल्लत हो जाती.
कहां से कहां तक फैला है हिमालय
अगर हिमालय की बात करें तो ये पश्चिम में पाकिस्तान के नंगा पर्वत से शुरू होकर पूर्व में चीन की पूर्वी सीमा तिब्बत तक फैला हुआ है, ये भारत, नेपाल और भूटान जैसे देशों से होकर गुजरता है, भारत और नेपाल इसके मध्य में हैं. इन देशों के जलवायु में हिमालय का अहम रोल है. इसकी वजह से मौसमी प्रभाव के साथ-साथ तापमान घटता बढ़ता है, इतना ही नहीं ये भारत की प्रमुख नदियों का भी श्रोत है. ऐसे में अगर ये न होता तो इसका क्या प्रभाव पड़ता वो जानते हैं.
क्यों महत्वपूर्ण है हिमालय
हिमालय के न होने पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिमालय भारतीय उपमहाद्वीप के मौसम को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, हिमालय पर जमी बर्फ की चादर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करती है, अगर हिमालय न रहे तो तापमान में काफी वृद्धि होती इससे लोगों का जीना मुहाल हो जाता. हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं मिट्टी के कटाव को नियंत्रित करती हैं, ऐसे में हिमालय के बिना भूमि की उर्वरता में कमी आ सकती है.
किन देशों में होती पानी किल्लत
हिमालय पानी का बहुत बड़ा श्रोत है. भारत की गंगा, यमुना सतलज जैसी नदियों का पानी हिमालय की बर्फ और ग्लेशियरों से मिलता है. ऐसे में अगर हिमालय न होता तो इन नदियों का जलस्तर काफी प्रभावित होता, इसकी वजह से सिंचाई, पीने के पानी सहित बिजली उत्पादन में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता. ऐसा कहा जाता है कि जब बर्फीली चादरें पिघलती हैं तो पानी की कमी दूर होती है, ऐसे में इसके बिना जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इससे लोगों की जीवनशैली पर गंभीर असर पड़ेगा. ऐसे में भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और चीन जैसे देशों में पानी की किल्लत हो सकती थी.