भारत और पाकिस्तान के बीच Hotline वार्ता, LoC पर अब इस मुद्दे पर सहमति
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भारत और पाकिस्तान के बीच Hotline वार्ता, LoC पर अब इस मुद्दे पर सहमति

भारतीय सेना (Indian Army) ने कई बार पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से गोलाबारी की आड़ में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने और स्पेशल फोर्स द्वारा भारतीय चौकियों पर हमले के सबूत भी दिखाए हैं. सेना ने साफ कर किया है कि आतंकवादियों के खिलाफ जारी कार्रवाइयों पर समझौते का असर नही पड़ेगा. 

भारत और पाकिस्तान के बीच Hotline वार्ता, LoC पर अब इस मुद्दे पर सहमति

नई दिल्ली: चीन (China) के साथ 9 महीने पुराना तनाव खत्म होने के दो हफ्ते बाद ही भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) के साथ सीमा पर शांति बनाए रखने की दिशा में बड़ी पहल की है. भारत और पाकिस्तान दोनों ही सीमा पर फायरिंग न करने और सीजफायर को लेकर साल 2003 में हुए समझौते का सख्ती से पालन करने के लिए राजी हो गए हैं. भारतीय सेना (Indian Army) ने ये भी साफ कर किया है कि घुसपैठियों और आतंकवादियों के खिलाफ जारी सेना की कार्रवाइयों पर इसका कोई असर नही पड़ेगा. 

  1. भारत-पाकिस्तान के बीच अहम चर्चा
  2. सीजफायर को लेकर बनी सहमति
  3. एंटी टेरर ऑपरेशन जारी रहेंगे: भारतीय सेना

LoC की ताजा स्थिति

ये सीजफायर 24 और 25 फरवरी की रात 12 बजे से पूरी लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर लागू हो गया है. दोनों सेनाओं के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच 22 फरवरी को हॉटलाइन (Hotline) पर हुई बातचीत के बाद ये फैसला हुआ. दोनों देशों के अधिकारियों ने तय किया कि LoC पर किसी विवाद की स्थिति में हॉटलाइन सहित दूसरे तय तरीकों से ही मामले को सुलझाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर बीते कई महीनों से चर्चा चल रही थी. हालांकि दोनों ओर से स्पेशल फोर्सेज से लेकर तोपखाने की भारी तैनाती है. वहीं दोनों सेनाएं एक-दूसरे पर बिना कारण गोलाबारी और अपने नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाती रहती हैं.

पाकिस्तान ने 5432 बार तोड़ा सीजफायर

भारतीय सेना ने कई बार पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी की आड़ में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने और स्पेशल फोर्स द्वारा भारतीय चौकियों पर हमले के सबूत भी दिखाए हैं. अधिकारिक सूचना के मुताबिक पिछले साल पाकिस्तान ने 5133 बार सीजफायर तोड़ा जिसमें 46 लोगों की जान गई. वहीं इस साल 28 जनवरी तक ही पाकिस्तान ने 299 बार सीजफायर का उल्लंघन किया जिसमें एक व्यक्ति की जान गई. सेना ने ये भी कहा है कि हालिया समझौते पर हालिया फैसले से LoC पर तैनात सैनिकों की तादाद या चौकसी पर नहीं पड़ेगा. 

नियंत्रण रेखा पर यहां बड़ी दिक्कत

सूत्रों के मुताबिक सेना द्वारा LoC पर घुसपैठ रोकने के लिए बना कई स्तर का सुरक्षा चक्र पहले जैसा रहेगा. ऐसा इसलिए भी क्योंकि अभी ये देखना बाकी है कि आतंकी लॉन्च पैड्स और ट्रेनिंग सेंटर्स के बारे में पाकिस्तान के दिमाग में आखिर क्या चल रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच में साल 1971 के युद्ध के बाद बनी नियंत्रण रेखा 740 किमी लंबी है जो जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के अलग-अलग इलाकों से होकर गुजरती है. 

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LoC के 550 किमी के हिस्से पर भारतीय सेना ने कंटीली तारों की बाड़ लगाई है लेकिन बाकी हिस्सा खुला हुआ है. बाड़ वाले इलाकों से भी आतंकी घुसपैठ की कोशिश होती है. पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) उनकी मदद के लिए भारतीय सेना (Indian Army) पर गोलाबारी करती है. जम्मू के अखनूर, राजौरी, पुंछ, नौशेरा और कश्मीर के गुरेज, तंगधार जैसे इलाकों में पाकिस्तानी सेना खासतौर पर बहुत ज्यादा गोलाबारी करती है जिसका शिकार अक्सर स्थानीय लोगों को बनना पड़ता है.  

रिहायशी इलाकों में शांति की उम्मीद

उम्मीद है कि अब इन नागरिकों की जिंदगी कुछ आसान होगी. भारतीय सेना पिछले 9 महीने से चीन के साथ बहुत  तनावपूर्ण तैनाती का सामना कर रही थी. भारतीय सेना के 50,000 से ज्यादा सैनिक पूर्वी लद्दाख में तैनात थे. चीन के साथ 10 फरवरी को सेनाओं की वापसी पर समझौता हुआ था. 20 फरवरी तक पेंगांग झील के दोनों किनारों से सैनिकों की वापसी हो गई है. अब दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख के गोगरा, डेपसांग मैदान और हॉट स्प्रिंग इलाकों से सेना की वापसी पर चर्चा हो रही है. 

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