सीमा पर तनाव के बीच भारत, रूस से खरीदेगा 33 फाइटर प्लेन, PM मोदी ने की पुतिन से बात
इसके तहत 21मिग-29 और 12 सुखोई-30एमकेआई एयरक्राफ्ट खरीदे जाएंगे.
नई दिल्ली: लद्दाख में चीन के साथ तनातनी के बीच भारत ने रूस के साथ 33 लड़ाकू विमान खरीदने का फैसला किया है. इसके तहत 21मिग-29 और 12 सुखोई-30एमकेआई फाइटर एयरक्राफ्ट खरीदे जाएंगे. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई. इस दौरान पुतिन ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं. दोनों नेता द्विपक्षीय समझौतों को गति देने पर सहमत हैं. इसी साल भारत में दोनों देशों की द्विपक्षीय शिखर वार्ता भी होने वाली है.
सीमा पर तनातनी
इस बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पार चीन ने अपनी फौजों की तादाद और ताकत दोनों में इजाफा किया है. गलवान घाटी में चीन ने न केवल अपने सैनिकों की तादाद बढ़ाई है बल्कि जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, एंटी एयरक्राफ्ट गनों की जबरदस्त तैनाती की है. चीन की सेना की बड़ी तादाद अक्साई चिन में खुरनाक फोर्ट पर एकट्ठा की गई है. रॉकेट फोर्स की बड़ी तादाद भी एलएसी के पास लाई गई है.
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गलवान घाटी में चीन ने लंबी दूरी तक जमीन से हवा में मार करने वाली HQ-9 और HQ-16 मिसाइलों को तैनात किया है. HQ-9 मिसाइल की रेंज 200 किमी तक है और इसका रडार फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, स्मार्ट बमों या ड्रोन को बड़ी आसानी से पकड़ सकता है. HQ-16 मध्यम दूरी तक जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसकी रेंज 40 किमी तक है. चीन अपनी रॉकेट फोर्स पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रहा है. 2016 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स 9(PLARF) को अलग संगठन बनाया गया और इसके पास दुनिया में सबसे बड़ा रॉकेट का भंडार है. चीन ने अपने भारी तोपखाने को भी एलएसी के पास ऐसी जगहों पर तैनात कर दिया है जहां से गलवान घाटी और पेंगांग झील के किनारों पर भारतीय सेना के ठिकानों पर भारी गोलाबारी की जा सके.