India-China Relations: क्या भारत-चीन संबंध पटरी पर लौटेंगे? तनाव के बाद बातचीत, कई मुद्दों पर बनी सहमति
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India-China Relations: क्या भारत-चीन संबंध पटरी पर लौटेंगे? तनाव के बाद बातचीत, कई मुद्दों पर बनी सहमति

India-China Relations: भारत और चीन ने अपने संबंधों में सुधार लाने और आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर बीजिंग में महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने और कैलाश मानसरोवर यात्रा को बहाल करने जैसे विषयों पर चर्चा हुई.

India-China Relations: क्या भारत-चीन संबंध पटरी पर लौटेंगे? तनाव के बाद बातचीत, कई मुद्दों पर बनी सहमति

India-China Relations: भारत और चीन ने अपने संबंधों में सुधार लाने और आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर बीजिंग में महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने और कैलाश मानसरोवर यात्रा को बहाल करने जैसे विषयों पर चर्चा हुई. साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को अधिक स्थिर और सहयोगात्मक बनाने के लिए अलग-अलग पहलुओं पर सहमति बनी.

वार्ता में किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

विदेश मंत्रालय के अनुसार इस बैठक में दोनों देशों के बीच बातचीत के तंत्र को फिर से सक्रिय करने पर सहमति बनी. भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशिया प्रभाग के संयुक्त सचिव गौरांगलाल दास और चीन की ओर से चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के महानिदेशक लियू जिनसोंग ने बैठक में हिस्सा लिया. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की चिंताओं और प्राथमिकताओं को समझने और संबंधों को स्थिरता की ओर ले जाने के लिए 'चरणबद्ध तरीके' से वार्ता को आगे बढ़ाने की बात कही.

गलवान घटना के बाद संबंधों में आई थी खटास

गौरतलब है कि 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था. इस घटना के बाद कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं हुईं. लेकिन आपसी विश्वास बहाल करने की दिशा में अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं.

कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमति

भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण चर्चा इस साल से कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने को लेकर हुई. बैठक में दोनों पक्षों ने यात्रा के तौर-तरीकों पर विचार किया और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए काम करने पर सहमति व्यक्त की.

संबंधों को स्थिर करने का प्रयास

विदेश मंत्रालय के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में भारत और चीन के नेताओं की बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक प्रगति हुई है. इसके बाद विदेश मंत्रियों की दो बार बैठक हो चुकी है और भारत-चीन सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक भी संपन्न हो चुकी है. इन बैठकों ने दोनों देशों को कूटनीतिक स्तर पर एक रणनीतिक दिशा देने का कार्य किया है.

सामाजिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर जोर

भारत और चीन के बीच केवल राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी संवाद को मजबूत करने पर सहमति बनी. बैठक में तय हुआ कि दोनों देश आपसी संपर्क को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाएंगे.. जिनमें सीधी उड़ानों की बहाली, मीडिया और थिंक टैंक के बीच संवाद को बढ़ावा देना और राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने की योजना शामिल है.

भविष्य में क्या हो सकता है?

इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने 2025 तक कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने की योजना पर चर्चा की और इस दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की. इसके अलावा इस वर्ष के लिए तय किए गए अन्य आपसी संवाद और गतिविधियों की भी समीक्षा की गई.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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