पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से तैनात सैनिकों के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती भीषण सर्दी से मुकाबले की है. भारतीय सेना (Indian Army) ने इसकी तैयारी जुलाई से ही शुरू कर दी थी.
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नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से तैनात सैनिकों के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती भीषण सर्दी से मुकाबले की है. भारतीय सेना (Indian Army) ने इसकी तैयारी जुलाई से ही शुरू कर दी थी. सैनिकों के लिए खास कपड़े और टेंट खरीदे गए हैं, जिनमें शून्य से 40 डिग्री नीचे के तापमान में आराम से रहा जा सकता है.
40 फीट तक बर्फ गिरने की संभावना
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गर्मियों में शुरू हुआ विवाद (India-China Standoff) अभी सुलझ नहीं पाया है. इसलिए 50 हजार सैनिक अभी भी यहां तैनात हैं. गलवान (Galwan Valley), पैंगाग और दक्षिणी पैंगाग के इलाकों में तापमान -20 से -25 तक गिर गया है और इस इलाके में विंड चिल फैक्टर (Wind Chill Factor) से तापमान 5 से 10 डिग्री और गिर जाता है. नवंबर के बाद तेज बर्फबारी शुरू हो जाएगी और 40 फीट तक बर्फ पड़ने की आशंका रहती है. इतनी सर्दी में किसी सैनिक का इन इलाकों में ज्यादा समय तक तैनात रहना शारीरिक तौर पर काफी कठिन है.
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अमेरिका से सैनिकों के लिए आए खास कपड़े
एक बड़े अभियान के तहत राशन, केरोसिन हीटर, खास कपड़े, टेंट्स और दवाइयों को पूरी सर्दी के लिए जमा कर लिया गया है. बेहद ठंडे मौसम में सैनिकों के इस्तेमाल के लिए खास कपड़ों के 11000 सेट हाल ही में अमेरिका से लिए गए हैं. वहीं, हाई ऑल्टेट्यूड और सुपर हाई ऑल्टेट्यूड में तैनात सैनिकों के लिए गरम रहने वाले टैंट और साथ साथ लद्दाख में तैनात सभी सैनिकों के लिए स्मार्ट कैंप तैयार कर लिए गए हैं. जिनमें बिजली, पानी, कमरे को गर्म रखने वाले हीटर, स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सभी जरूरतों को पूरा कर लिया गया है.