भारत-चीन के बीच जल्द होगी सैन्य और कूटनीतिक स्तर की बातचीत, स्थायित्व सुनिश्चित करना चाहता है MEA
Advertisement
trendingNow1754069

भारत-चीन के बीच जल्द होगी सैन्य और कूटनीतिक स्तर की बातचीत, स्थायित्व सुनिश्चित करना चाहता है MEA

भारत और चीन के बीच एक बार फिर जल्द ही कमांडर स्तर की बातचीत होगी.

फाइल फोटो

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच एक बार फिर जल्द ही कमांडर स्तर की बातचीत होगी. गुरुवार को भारत सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के इलाकों में जारी तनाव को लेकर जमीनी स्थायित्व सुनिश्चित करने के बाद एक बार फिर सैन्य स्तर की चर्चा की तैयारी कर ली गई है. 

  1. भारत और चीन के बीच सैन्य कूटनीति जारी
  2. दोबारा जल्द होगी सैन्य स्तर की बातचीत 
  3. विदेश मंत्रालय ने पूरी की है अपनी तैयारी 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने हर बार ये स्पष्ट किया है कि हर हाल में अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल होनी चाहिए. वहीं दोनों देशों को सामूहिक रूप से तय हुई चीजों का पालन करना चाहिए. एमईए के मुताबिक सीमा पर शांति और तनाव को कम करना भी उनकी प्राथमिकता है लेकिन इसके लिए सही दिशा में पारदर्शिता के साथ काम होना चाहिए. 

सलाह और सहयोग से बनेगी बात
श्रीवास्तव ने कहा कि जल्द ही होने वाली अगली मीटिंग के लिए मंत्रालय ने कंसल्टेशन और क्वार्डिनेशन पर आधारित मैकेननिज्म बनाने की तैयारी की है. इससे पहले भारत और चीन के बीच LAC पर तनाव कम करने के लिए बीते सोमवार को छठी बार सैन्य (कॉर्प्स कमांडर्स) स्तर पर बातचीत हुई थी. मॉल्डो में चली मैराथन बातचीत के बाद मंगलवार को दोनों देशों की ओर से साझा प्रेस रिलीज भी जारी की गई थी. जिसके तहत सीमा पर शांति बहाल करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई थी. 

ये भी देखें- PICS: 'बिग बॉस 14' के लिए कम वेतन ले रहे हैं सलमान खान, देखिए आलीशान घर की एक झलक

पहली बार ऐसी बातचीत में भारतीय विदेश मंत्रालय का कोई अधिकारी शामिल हुआ था तब भारतीय प्रतिनिधिमंडल में दो लेफ्टिनेंट जनरल, दो मेजर जनरल, चार ब्रिगेडियर और ITBP के IG सहित विदेश मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव भी शामिल हुए थे.

गलवान घाटी की झड़प से बिगड़ी बात
LAC पर गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद से भारत ने सीमा पर आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए चीन को उसकी जमीनी हैसियत का अंदाजा करवा दिया है. क्योंकि उसी झड़प में भारतीय सैनिकों के पराक्रम से बड़ी तादाद में चीन के सैनिक मारे गए थे. लेकिन चीन ने उसकी जानकारी छिपा ली थी.

45 साल में पहला मौका जब चली गोली
पैंगोंग में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) ने भारतीय सैनिकों पर दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन चीनी सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब मिला. वहीं LAC पर  45 साल में पहली बार ऐसे हालात बने की पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट पर गोलिया चलीं. 

इसी महीने की 10 तारीख को मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री की एक मुलाकात हुई थी. और 21 सितंबर की मीटिंग को मॉस्को में हुई मुलाकात का फॉलो-अप माना जा रहा था. ऐसे में भारत का विदेश मंत्रालय अगली बैठक से पहले सीमा पर पहले जैसी स्थिति बहाल करने के साथ एलएसी पर भारत के मजबूत स्थायित्व की तैयारी कर चुका है.

LIVE TV

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news