हिंद महासागर में हिंदुस्तानी हंटर, दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजकर करेगा तबाह
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हिंद महासागर में हिंदुस्तानी हंटर, दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजकर करेगा तबाह

हिंद महासागर में P-8i की तैनाती चीन पाकिस्तान के लिए परेशानी का सबब है क्योंकि चीन समुद्र में अपने वर्चस्व के लिए चालबाज़ी करता रहता है. 

P-8i अमेरिका से खरीदा गया हथियारों से लैस निगरानी विमान है जो हिंद महासागर का सबसे बड़ा रक्षक है.

नई दिल्ली: समंदर में दुश्मन की पनडुब्बी के ख़िलाफ़ भारत का कोई जवाब नहीं. भारत के पास पनडुब्बी का वो अल्टीमेट किलर है...जिसकी बराबरी में पाकिस्तान और चीन के पास कुछ भी नहीं है. हम बात कर रहे हैं पोज़ाइडन-8 आई विमान की. ये विमान P-8 I दुश्मन की पनडुब्बियों को समुद्र की गहराइयों से खोजकर तबाह कर सकता है. लंबी दूरी के मिशन ये आराम से अंजाम दे सकता है. P-8i विमान उसकी तरफ आने वाले ख़तरे से आगाह करता है. 

P-8i अमेरिका से खरीदा गया हथियारों से लैस निगरानी विमान है जो हिंद महासागर का सबसे बड़ा रक्षक है. हिंद महासागर में P-8i की तैनाती चीन पाकिस्तान के लिए परेशानी का सबब है क्योंकि चीन समुद्र में अपने वर्चस्व के लिए चालबाज़ी करता रहता है और P-8i तो वो है जो समुद्र की गहराई में दुश्मन पनडुब्बियों को तलाश करके तबाह करता है यानी चीन पाकिस्तान के लिए हिंद महासागर में 'हिन्दुस्तानी हंटर' है P-8i.  इंडियन नेवी पोसाइडन-8i एयरक्राफ्ट की मदद से हिंद महासागर पर अपना दबदबा बनाए हुए है. सबसे आधुनिक समुद्री पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट जिसे हिंद महासागर में तैनात कर दिया है. इसे P8i यानी पोसाइडन-8i (Poseidon) एयरक्राफ्ट कहते हैं. 

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह एयरक्राफ्ट दोधारी तलवार की तरह है जो एंटी-सबमरीन और एंटी-सरफेस वॉरफेयर को अंजाम देने में सक्षम है. यानी  पोसाइडन-8i हवा में उड़ते हुए समंदर की गहराई में पनडुब्बी और सतह पर मौजूद दुश्मनों के जहाजों की कब्र खोद सकता है. जब P8-i एयरक्राफ्ट हवा में होता है तो दुश्मन की पनडुब्बी के छिपे रहने की सारी संभावनाएं खत्म हो जाती हैं. ये ना सिर्फ समुद्र की गहराई में छिपे दुश्मन को ढूंढ निकालता है बल्कि वक्त आने पर दुश्मन को ऐसी मौत देता है कि वो समुद्र में होने के बावजूद पानी तक नहीं मांगता. 

P8-i को सबमरीन हंटर और सबमरीन किलर भी कहा जाता है. ये एक बार में 907 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 2 हज़ार किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. P8-i में ही बने कमांड सेंटर को जैसे ही दुश्मन की हलचल दिखाई देती है. ज़मीन पर मौजूद कमांड सेंटर भी फौरन एक्टिवेट हो जाता है और कुछ ही मिनटों में P8-i को दुश्मन को रोकने के लिए रवाना कर दिया जाता है. 

P8-i में मौजूद नौसेना के ऑफिसर्स इसके आधुनिक रडार की मदद से ये पता लगा लेते हैं कि दुश्मन की पनडुब्बी कहां है. रक्षा विशेषग़ों का कहना है कि पोसाइडन, हार्पून ब्लॉक 2 मिसाइल्स , सबमरीन को समुद्र के अंदर ही खत्म करने वाले डेप्थ चार्ज और हल्के वज़न वाले mk54 टॉरपिडो से लैस एयरक्राफ्ट है. 

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इतना ही नहीं खुद को ख़तरा पैदा होने की सूरत में P-8i अपनी रक्षा करना भी जानता है. ये दुश्मन की तरफ से द़ागी गई सरफेस टू एयर मिसाइल का पता लगाने में भी सक्षम है. P8-i दुश्मन की नौसेना के लिए मौत का दूसरा नाम है. अंडमान निकोबार कमांड पर P8-i की मौजूदगी का मतलब है. हिंद महासागर में चीन की चालाकियों पर फुल स्टॉप. पोर्ट ब्लेयर में तैनात भारत का P8-i एयरक्राफ्ट ना सिर्फ चीन की हर चाल पर पैनी नज़र रखेगा बल्कि ज़रूरत पड़ने पर चाइनीज़ पनडुब्बियों की जान भी ले लेगा.  

(मुंबई से विनय तिवारी और दिल्ली से वरुण भसीन के साथ ब्यूरो रिपोर्ट ज़ी मीडिया)

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