भारत के डायमंड इंडस्ट्री पर मंडरा रहा खतरा! यूक्रेन युद्ध से जुड़ा है कनेक्शन
यूक्रेन और रूस की जंग पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुईं हैं. इसका असर भी पूरी दुनिया को नजर आने लगा है. रूस के भारत के साथ भी कारोबार को लेकर अच्छे संबंध हैं. ऐसे में जंग के तनावभरी स्थिति में भारत के हीरा कारोबारियों पर नुकसान का खतरा मंडरा रहा है.
नई दिल्लीः भारत में लगभग 40% रफ हीरा रूस के अलरोसा माइन (Alrosa Mine) से आता है, जो कि विश्व के सबसे बड़े माइन्स में से एक है. वही हीरे भारत पहुंचने के बाद ज्यादातर गुजरात के सूरत शहर में कटिंग, पॉलिशिंग और प्रॉसेसिंग के लिए जाते हैं. दुनिया के लगभग 80% हीरे सूरत में ही प्रॉसेस किए जाते हैं और फिर एक्सपोर्ट होते हैं. अमेरिका भारत के polished diamonds का सबसे बड़ा इम्पोर्टर है. ऐसे में रूस और यूक्रेन की तनावभरी स्थिति (Russia Ukraine War) के बीच में भारत के हीरा उद्योगपतियों (diamond industrialists) को डर सता रहा है.
मार्केट में आया डाउन
सूरत शहर के कीर्ति शाह, जो कि एक diamond उद्योगपति हैं, उनका कहना है कि हालांकि रूस की तरफ से ये आश्वासन दिया गया है कि diamond एक्सपोर्ट में उनकी तरफ से कोई कमी नहीं आएगी, लेकिन फिर भी पिछले 10-12 दिनों से मार्केट में डाउन आया है. यहां से ज्यादातर एक्सपोर्ट अमेरिका को किया जाता है, लेकिन आने वाले समय में अगर अमेरिका ने युद्ध में हिस्सा लिया और रूस पर सैंक्शन लगाए; तो पूरी इंडस्ट्री को बहुत परेशनियां देखने को मिल सकती हैं.
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ग्राहक
2021-22 में अलरोसा ने दुनिया के diamond माइन के दिग्गज डी बीयर्स के बाद दूसरे स्थान पर 4.2 बिलियन डॉलर की हीरे की बिक्री की सूचना दी. प्रोसेसिंग के लिए सूरत में उतरने से पहले 80% से अधिक अलरोसा हीरे बेल्जियम के रास्ते से आते हैं, जो विश्व हीरा व्यापार का केंद्र है. बता दें कि अमेरिका भारत के पॉलिश किए गए हीरों का सबसे बड़ा ग्राहक है और अमेरिका द्वारा रूसी हीरे की खरीद पर कोई भी सैंक्शन भारतीय हीरा उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.
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जा सकती हैं कई लोगों की नौकरियां
एक हीरा व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर जी न्यूज को बताया कि अगर यूक्रेन और रूस का युद्ध इसी तरह चलता रहा और अमेरिका इसमें इन्वोल्व हो गया, तो भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले और कमजोर हो सकता है. अभी वैसे ही डॉलर करीब 80 रुपये तक पहुंच चुका है. इसके कारण भारत के हीरा व्यापारी कम इंपोर्ट करेंगे, जिसके कारण आगे का काम कम हो सकता है और ऐसे ही चलता रहा, तो कई लोगों की नौकरियां तक जा सकती हैं. जिससे भारत की आर्थिक स्थिति में भी कुछ निगेटिव असर देखने को मिल सकता है.
देश की GDP में 7% की हिस्सेदारी
बता दें कि भारत का jewellery सेक्टर देश की GDP में करीब 7% की हिस्सेदारी रखता है, जो कि एक बहुत बड़ा शेयर है और पिछले साल करीब 32 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट भारत से हुआ था.
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