1971 War History: बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान किए गए अत्याचारों के लिए औपचारिक माफी मांगने की मांग की है. 1971 युद्ध इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसने भारतीय उपमहाद्वीप के भूगोल और राजनीतिक संरचना को बदल दिया था. भारत की मदद के बाद पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) एक अलग देश बना था.
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1971 India Pakistan War Story: पाकिस्तान की तरफ झुकाव के बीच बांग्लादेश ने अब कड़ा रुख अपनाया है और पड़ोसी देश से मांफी की मांग की है. बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा बंगालियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के लिए औपचारिक माफी मांगने को कहा है. इतना ही नहीं उसने पाकिस्तान की परिसंपत्तियों में अपना हिस्सा मांगते हुए इस्लामाबाद से बांग्लादेश को बकाया 4.5 अरब डॉलर का मुआवजा अदा करने को भी कहा है. इसमें 1971 के युद्ध के दौरान बांग्लादेश छोड़ने में असमर्थ फंसे हुए पाकिस्तानियों की वापसी और 1970 के चक्रवात भोला में मिली विदेशी मदद के पैसे की बात भी शामिल थी. 1971 युद्ध इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसने भारतीय उपमहाद्वीप के भूगोल और राजनीतिक संरचना को बदल दिया था. भारत की मदद के बाद पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) एक अलग देश बना था.
1971 का युद्ध कब और कैसे शुरू हुआ?
पाकिस्तान ने 3 दिसंबर 1971 को भारतीय वायुसेना के 11 एयरबेस पर हमला कर दिया, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत हो गई. पाकिस्तानी हमले के जवाब में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया और युद्ध में कूद पड़ा. इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में जमकर उत्पात मचाया था और बंगालियों के खिलाफ बहुत ज्यादा अत्याचार किए थे. लेकिन, पाकिस्तान ने 3 दिसंबर 1971 को भारत पर हमला कर गलती कर दी और फिर 16 दिसंबर 1971 तक चली युद्ध में पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना के आगे घुटने टेकने पड़े. इसके बाद पाकिस्तान के बंटवारा हुआ और पूर्वी पाकिस्तान से बांग्लादेश का जन्म हुआ.
पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में भाषाई भेदभाव
साल 1947 में भारत से अलग होकर पश्चिमी पाकिस्तान (आज का पाकिस्तान) और पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) का गठन हुआ था, लेकिन दोनों के बीच गहरा सांस्कृतिक, भाषाई और आर्थिक भेदभाव था. साल 1970 में हुए चुनावों में पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीबुर रहमान की पार्टी 'अवामी लीग' ने बहुमत हासिल किया, लेकिन यह पश्चिमी पाकिस्तान को मंजूर नहीं था. पश्चिमी पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक सत्ता ने मुजीबुर रहमान को प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया. इसके बाद पाकिस्तान सेना ने मार्च 1971 में 'ऑपरेशन सर्चलाइट' शुरू किया और पूर्वी पाकिस्तान में अत्याचार शुरू कर दिया. पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में जमकर उत्पात मचाया, जिसमें लाखों लोग मारे गए और लाखों भारत में शरणार्थी बनकर आ गए.
भारत ने किया बांग्लादेश की स्वतंत्रता का समर्थन
जब पूर्वी पाकिस्तान से लाखों लोग विस्थापित होकर भारत में शरणार्थी बने, तब भारत ने मानवाधिकार उल्लंघनों का समर्थन करते हुए बांग्लादेश की स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कूटनीतिक चैनल के जरिए वैश्विक समर्थन जुटाया, लेकिन इसके बावजूद पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना का जुल्म नहीं रुका. इसके बाद बांग्लादेश की स्वतंत्रता आंदोलन को भारत के समर्थन देने से भड़के पाकिस्तान ने 3 दिसंबर 1971 को भारत के कई वायुसेना ठिकानों पर हमला कर दिया. फिर भारत ने इसे युद्ध की औपचारिक शुरुआत माना और जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. भारतीय सेना ने तीन मोर्चों (पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी) पर युद्ध छेड़ा, लेकिन मुख्य फोकस पूर्वी पाकिस्तान पर था.
ढाका पर कब्जा और 93000 सैनिकों का आत्मसमर्पण
भारतीय सेना ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता सेना मुक्ति बाहिनी के साथ मिलकर अभियान चलाया और 16 दिसंबर 1971 तक ढाका पर कब्जा कर लिया. भारतीय सेना के आगे पाकिस्तानी सेना ने घुटने टेक दिए और पाकिस्तानी सेना के जनरल एए के नियाजी को 93,000 सैनिकों के साथ भारतीय जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा. इसे इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण माना जाता है. युद्ध के बाद पाकिस्तान (पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान) दो हिस्सों में बंट गया, जिससे एक नए देश को मान्यता मिली और बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया.