'राफेल जेट डील' बेहतर शर्तों पर किया गया बेहतरीन निर्णय : मनोहर पर्रिकर
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'राफेल जेट डील' बेहतर शर्तों पर किया गया बेहतरीन निर्णय : मनोहर पर्रिकर

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने फ्रांस के साथ हुई राफेल लड़ाकू विमान के सौदे को मोदी सरकार का बेहतरीन निर्णय बताया और कहा कि ये सौदा बेहतर शर्तों पर किया गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को फ्रांस के साथ 36 तैयार राफेल विमानों के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं।

'राफेल जेट डील' बेहतर शर्तों पर किया गया बेहतरीन निर्णय : मनोहर पर्रिकर

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने फ्रांस के साथ हुई राफेल लड़ाकू विमान के सौदे को मोदी सरकार का बेहतरीन निर्णय बताया और कहा कि ये सौदा बेहतर शर्तों पर किया गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को फ्रांस के साथ 36 तैयार राफेल विमानों के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं।

रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कहा, 'भारत ने आखिरकार सौदे को लेकर सफलता हासिल कर ली, जो पिछले कई सालों से लंबित थी। उन्होंने कहा कि राफेल जेट को करीब दो साल की अवधि में भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा।

राफेल लड़ाकू विमान के बारे में बातचीत इसकी कीमत और देसाल्त एविएशन की ओर से सरकारी स्वामित्व वाले हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए जाने वाले 108 विमानों के लिए गारंटी देने में हिचकिचाहट के कारण फंसी हुई थी।

पर्रिकर ने कहा, ‘भारतीय वायुसेना को इस सौदे से जरूरी न्यूनतम राहत मिलेगी। वास्तव में हमने पिछले 17 वर्षों में नई पीढ़ी का कोई बड़ा विमान नहीं खरीदा है। दो स्क्वाड्रन के लिए 36 विमान खरीदना एक अत्यंत सकारात्मक निर्णय है जिसकी जरूरत थी।’

पीएम मोदी ने शुक्रवार को पेरिस में कहा था कि भारत ‘देश में लड़ाकू विमानों की महत्वपूर्ण परिचालन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए’ फ्रांस से जल्द ही 36 राफेल लड़ाकू विमान उड़ान भरने के लिए तैयार अवस्था में खरीदेगा।

पर्रिकर ने कहा, ‘इन विमानों की खरीद के लिए अनुरोध पत्र कई वर्षों से अटका हुआ था। इसकी शुरूआत 2000 में हुई थी और काफी उलझनों के चलते यह पूरा नहीं हो पा रहा था, इसलिए मैं काफी प्रसन्न हूं कि प्रधानमंत्री ने यह पहल की है।’

पर्रिकर ने कहा कि लड़ाकू विमानों को दो वर्ष की अवधि के भीतर वायुसेना में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सौदे को लेकर अंतत: सफलता मिली। पर्रिकर ने इसका कोई कारण नहीं बताया कि इन बहुप्रतीक्षित लड़ाकू विमानों को वायुसेना में शामिल करने के लिए अधिकतम दो वर्ष का समय क्यों लगेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि समय की जरूरत ,आगे कीमत को लेकर होने वाली बातचीत और विमान को भारतीय जरूरतों के हिसाब से दुरूस्त करने में पड़ेगी। हो सकता है कि दोनों सरकारों के बीच बातचीत पूरी हो गई हो लेकिन संभव है कि बलों को उत्पादन कंपनी दसाल्त के साथ सौदे को अंतिम रूप देना हो।

पर्रिकर ने कहा कि 36 राफेल विमान के लिए प्रारंभिक खरीद के बाद देश के पास ‘मेक इन इंडिया पहल या राफेल तरह की व्यवस्था’ के तहत ऐसे और विमान होंगे। मंत्री ने कहा कि राफेल पांचवीं पीढ़ी का विमान है जो मिग21, मिग27 और सुखोई30 जैसे पुरानी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के साथ वायुसेना में शामिल होगा।

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास पुरानी पीढ़ी के विमान हैं जिन्हें सीमित जीवन काल के लिए अपग्रेड किया गया। वास्तव में मिग21 अपने जीवन के आखिरी हिस्से में है।’रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कहा कि राफेल को भारतीय वायुसेना में शामिल करने में दो वर्ष का समय लग सकता है क्योंकि ‘उड़ान भरने के लिए तैयार अवस्था’ का मतलब यह नहीं है कि हमें वह कल ही मिल जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘विमानों को भारत की जरूरत के मुताबिक डिजाइन करना होगा।’ उन्होंने कहा कि कीमत को लेकर बातचीत होगी जिसे वर्तमान में 700 करोड़ रुपया आंका गया है।

उन्होंने कहा, ‘हमें एकल इंजन तरह के हल्के विमान की जरूरत है। यद्यपि साथ ही हमें गहरी पैठ वाले दोहरे इंजन वाले विमानों भी की जरूरत है जिसकी प्रौद्योगिकी एवं अन्य उपकरण नवीनतम हों जो भारत को उसके पारंपरिक दुश्मनों पर बढ़त प्रदान कर सके।’ उन्होंने कहा कि 36 विमानों की खरीद अंतर को तत्काल भरने के लिए है। उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान तेजस का अगले महीने अंतिम उड़ान परीक्षण होगा। उन्होंने कहा, ‘मेक इन इंडिया’ भारत की वायुसेना की ताकत के लिए एक दीर्घकालिक हल है।

पर्रिकर ने कहा, ‘हमें तेजस के विकास को आगे बढ़ाना होगा और हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम कुछ उच्च श्रेणी के विमान भी बनायें।’

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