भारत-फ्रांस के बीच राफेल समेत 14 समझौते, PM मोदी बोले- आतंकवाद के खिलाफ मिलकर सबको लड़ना होगा
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भारत-फ्रांस के बीच राफेल समेत 14 समझौते, PM मोदी बोले- आतंकवाद के खिलाफ मिलकर सबको लड़ना होगा

भारत और फ्रांस के बीच राफेल विमान समेत 14 समझौते किए गए है। राफेल पर भारत और फ्रांस के बीच एमओयू साइन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील को लेकर सहमति बन गई है। इस समझौते के मुताबिक भारत को फ्रांस 36 राफेल फाइटर विमान देगा। राफेल डील के आर्थिक पहलुओं को छोड़कर बाकी मुद्दों पर दोनों देश सहमत हो गए हैं। सौर उर्जा, न्यूकिल्यर पावर और पर्यावरण को लेकर भी दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है। हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद की शिखर बैठक लगभग दो घंटे चली। इसके बाद दोनों ने संयुक्त बयान जारी किया।

 

भारत-फ्रांस के बीच राफेल समेत 14 समझौते, PM मोदी बोले- आतंकवाद के खिलाफ मिलकर सबको लड़ना होगा

नई दिल्ली : भारत और फ्रांस ने सोमवार को 36 फ्रांसिसी लड़ाकू विमान ‘राफेल’ की ब्रिकी के संबंध में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये लेकिन कीमत को लेकर मतभेद अरबों डॉलर के इस सौदे को निष्कर्ष तक पहुंचाने की राह में आ गये। दोनों देशों के बीच हुए 14 समझौतों में राफेल का समझौता शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत की यात्रा पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बीच व्यापक एवं गहन विचार विमर्श के बाद ये समझौते हुए। इनमें आतंकवाद निरोधी, सुरक्षा एवं असैन्य परमाणु उर्जा में सहयोग को प्रमुखता दी गई है।

ओलांद के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘वित्तीय आयामों को छोड़ते हुए भारत और फ्रांस ने 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद के अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। हमें उम्मीद है कि राफेल की खरीद से जुड़े वित्तीय आयामों को भी जितना जल्दी संभव होगा, सुलझा लिया जायेगा।’ आईजीए पर हस्ताक्षर को एक ‘निर्णायक’ कदम करार देते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने कहा कि कुछ वित्तीय मुद्दे हैं जिन्हें ‘कुछ दिनों के भीतर’ सुलझा लिया जायेगा।

मोदी की अप्रैल में फ्रांस यात्रा के दौरान इस सौदे की घोषणा के बाद से ही दोनों देश उड़ान भरने की स्थिति वाले 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद को लेकर आपस में बातचीत कर रहे थे। बहरहाल, दोनों देशों के बीच सौदे को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है क्योंकि दोनों पक्ष अब भी कीमत को लेकर बातचीत कर रहे हैं। यह सौदा करीब 59,000 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है।

विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा, ‘आज जिस पर हस्ताक्षर किया गया वो सहमति पत्र था। जब हम इसके वित्तीय पहलुओं को सुलझा लेंगे तो निश्चित तौर पर आईजीए को संपूर्ण रूप से निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा।’ सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि कीमत को अंतिम रूप दिए जाने के बाद आईजीए पर हस्ताक्षर किया जाएगा। दोनों पक्षों को उम्मीद है कि इसमें चार सप्ताह का समय और लग सकता है। सूत्रों के अनुसार संप्रग की निविदा के तहत 36 राफेल विमानों की कीमत करीब 65,000 करोड़ रुपये बैठती है जो लागत बढ़ने एवं डॉलर की दर के संदर्भ में हैं। इस कीमत में विमान में भारत की ओर से की गई बदलाव की मांग पर आने वाली लागत भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘कोशिश यह है कि कीमत को आठ अरब यूरो (59,000 करोड़ रुपये) से नीचे लाया जाये।’ सूत्रों ने कहा, ‘कम से कम 50 फीसदी राशि का अग्रिम भुगतान करना होगा जिसमें तत्काल 15 फीसदी का भुगतान शामिल है।’ उन्होंने कहा कि इसमें फ्रांस की सरकार गारंटी देगी। राफेल की निर्माता कंपनी दसाल्त एविएशन ने एक बयान में कहा, ‘हम इस प्रगति से बहुत खुश हैं और हम अगले चार सप्ताह के भीतर इस समझौते को अंतिम रूप दिलाने में फ्रांसीसी सरकार को सक्रियता से सहयोग प्रदान कर रहे हैं।’ रक्षा सहयोग के अलावा दोनों नेताओं की बातचीत पिछले नवंबर में पेरिस में और इस महीने पठानकोट में हुए आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में आतंकवाद निरोधी सहयोग पर केंद्रित रही।

मोदी ने कहा, ‘पेरिस से पठानकोट तक हमने साझा चुनौती वाले आतंकवाद के भयानक चेहरे को देखा है। मैं ऐसे आतंकी हमलों के विरूद्ध आपके मजबूत संकल्प और कार्रवाई की सराहना करता हूं। राष्ट्रपति ओलांद और मैं हमारे आतंकवाद निरोधी सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने को सहमत हुए हैं जिससे कि हमारे समाज में कट्टरपंथ और आतंकवाद के खतरों से निपटने में मदद मिल सके।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारा यह भी मानना है कि वैश्विक समुदाय को आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने और उन्हें वित्तीय मदद, प्रशिक्षण और आधारभूत संरचना सहयोग देने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत है।’ बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान से यह अपील दोहरायी कि वह नवंबर 2008 के मुम्बई आतंकी हमलों के षडयंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करे। उस हमले में फ्रांस के दो नागरिक भी मारे गए थे। इसमें यह भी कहा गया कि पाकिस्तान भविष्य में ऐसे हमले नहीं होने देना सुनिश्चित करे।

ओलांद ने कहा, ‘दायेश (आईएस) ने हम पर हमला किया। आईएसआईएस हमें उकसा रहा है लेकिन हम उनके खिलाफ सही निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारे बच्चों की हत्याएं करेगा। हम उस पर बार-बार प्रहार करेंगे। इन कठिन परिस्थितियों में आपके समर्थन के लिए मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं। फ्रांस कभी भूलेगा नहीं। हमने आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोग को मजबूत करने का निर्णय किया है।’ दोनों पक्षों ने हिंसक उग्रवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ तथा भर्तियों, आतंकवादी गतिविधियों और विदेशी आतंकी लड़ाकों के प्रवेश, आतंकवादियों के वित्त पोषण के स्रोतों, उनकी आधारभूत संरचना को ध्वस्त करने तथा इन्हें हथियारों की आपूर्ति रोकने के लिए संयुक्त प्रयास करने की दिशा में कदम उठाने का निर्णय किया है।

संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘इस दिशा में दोनों पक्षों ने खुफिया क्षेत्र, वित्तीय, न्याय एवं पुलिस क्षेत्रों में आदान प्रदान को और बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। दोनों देशों ने भारत और फ्रांस के बीच आतंकवाद निरोधी प्राधिकारों एवं इकाइयों, खासकर उनके साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच सहयोग को मजबूत बनाने का स्वागत किया है।’ इसमें कहा गया कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है, भले ही उसकी प्रेरक शक्ति कुछ भी हो या वह कहीं भी या किसी के द्वारा भी किया गया हो। मोदी और ओलांद ने लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, हक्कानी नेटवर्क और अल कायदा जैसे अन्य आतंकी समूहों के विरूद्ध निर्णायक कार्रवाई का प्रण किया।

दोनों नेताओं ने पठानकोट और गुरदासपुर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों की भी निंदा की। मोदी और ओलांद के बीच चर्चा के अन्य मुद्दों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘स्मार्ट सिटी से लेकर रेल इंजन, रेलवे ट्रैक और परमाणु ऊर्जा तक, ये सभी नये वाणिज्यिक गठजोड़ बनाने का आधार हैं।’ अपनी ओर से ओलांद ने जोर दिया, ‘असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी साझा करने से अधिक भरोसे की और कोई बात नहीं हो सकती है और उम्मीद जतायी कि जैतापुर परमाणु संयंत्र से जुड़े छह रिएक्टरों के बारे में मामलों का समाधान एक वर्ष के भीतर हो जायेगा।’ बयान में कहा गया है कि वर्ष 2008 में हुए असैन्य परमाणु करार के अलोक में दोनों नेताओं ने जैतापुर के छह परमाणु रिएक्टरों के निर्माण के लिए अपनी अपनी औद्योगिक कंपनियों को 2016 के अंत तक तकनीकी वाणिज्यिक वार्ताओं को पूरा करने को प्रेरित किया।

इसके अनुसार, वार्ताओं में परियोजना की लागत संबंधी व्यवहार्यता, फ्रांस की ओर से आर्थिक वित्त पोषण, भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और महत्वपूर्ण एवं बड़े उपकरणों का भारत में कम लागत में निर्माण संबंधी विषयों पर चर्चा हुई। संयुक्त बयान के अनुसार, ‘फ्रांस ने भारत की इस आवश्यकता को स्वीकार किया कि उसे आजीवन ईधन आपूर्ति की गारंटी की आवश्यकता है। फ्रांस ने इन संयंत्रों को आजीवन भरोसमंद, निर्बाध एवं सतत परमाणु ईधन की आपूर्ति के आश्वासन को दोहराया जैसा कि 2008 के परमाणु सहयोग द्विपक्षीय अंतर सरकारी समझौते में कहा गया है।

मोदी और ओलांद का साझा लक्ष्य है कि 2017 के प्रारंभ तक जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना शुरू हो जाए। फ्रांस और भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए परमाणु ऊर्जा के योगदान पर विशेष बल दिया। फ्रांस ने अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत की उम्मीदवारी को अपने मजबूत समर्थन की पुन: पुष्टि की विशेष तौर पर परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में, और भारत द्वारा परमाणु हादसे की स्थिति में पूरक मुआवजा संधि का अनुमोदन करने के उसके फैसले का स्वागत किया।

ओलांद ने अपनी भारत यात्रा को ‘अभूतपूर्व एवं शानदार’ बताते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनना उनके और फ्रांस के लिए सम्मान की बात है।

फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में मोदी के कार्यो की मैं प्रशंसा करता हूं। मोदी की सीओपी21 में अनिच्छा के विषय की मुझे जानकारी है। वह चाहते थे कि विकासशील देशों के लिए नवोन्मेष प्रौद्योगिकी का विस्तार किया जाए। जलवायु सम्मेलन में जो कुछ उपलब्धियां हासिल की गई, इसके लिए हम मोदी सहित लोगों के आभारी हैं। राफेल समझौते के अलावा दोनों देशों ने रेलवे, संस्कृति, अंतरिक्ष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों के 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किये।

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