भारत ने दी पाकिस्तान को नसीहत, 'हुर्रियत नेताओं से नहीं मिलें सरताज अजीज'
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भारत ने दी पाकिस्तान को नसीहत, 'हुर्रियत नेताओं से नहीं मिलें सरताज अजीज'

भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया कि उसे अपने एनएसए सरताज अजीत और हुर्रियत प्रतिनिधियों के बीच बैठक नहीं करनी चाहिए, वह भी तब जब अजीज अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवाल के साथ वार्ता करने आ रहे हैं। यह उचित नहीं होगी।

भारत ने दी पाकिस्तान को नसीहत, 'हुर्रियत नेताओं से नहीं मिलें सरताज अजीज'

नई दिल्ली : भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया कि उसे अपने एनएसए सरताज अजीत और हुर्रियत प्रतिनिधियों के बीच बैठक नहीं करनी चाहिए, वह भी तब जब अजीज अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवाल के साथ वार्ता करने आ रहे हैं। यह उचित नहीं होगी।

पाकिस्तानी उच्चायोग को स्पष्ट संदेश देते हुए भारत ने कहा कि ऐसी बैठक रूस के उफा में आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने के संबंध में बनी समझ और भावना के अनुरूप नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी उच्चायोग ने कश्मीर के कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी और अन्य अलगववादी नेताओं को आमंत्रित किया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक ट्विट में कहा, ‘भारत ने कल पाकिस्तान को सुझाव दिया कि भारत में हुर्रियत के प्रनिधियों के साथ सरताज अजीज की बैठक उचित नहीं होगी।’ उन्होंने ट्विट किया कि भारत ने एनएसए स्तरीय वार्ता के लिए प्रस्तावित एजेंडे की पुष्टि के बारे में भी जानकारी मांगी है जिसे पाकिस्तानी पक्ष को 18 अगस्त को बता दिया गया था।

भारत और पाकिस्तान के एनएसए के बीच आतंकवाद से जुड़े विषयों पर वार्ता के लिए पहली बार हो रही बैठक 23 अगस्त को निर्धारित है। इसके बारे में रूस के उफा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच बैठक के दौरान सहमति बनी थी।

पाकिस्तानी उच्चायोग ने सैयद अली शाह गिलानी और उमर फारूक सहित अन्य अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज के साथ मुलाकात करने के लिए आमंत्रित किया है जिस पर भारत ने नाखुशी व्यक्त की। पाकिस्तान का कहना है कि ऐसी बैठकें होती रही हैं। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा है कि पाकिस्तान का हुर्रियत नेताओं के साथ विचार विमर्श ‘नियममि मामला’ है और यह ‘लम्बे समय’ से होता रहा है।

भारतीय पक्ष, अलगाववादी हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान के निमंत्रण को एक और ‘उकसावे’ के कार्य के तौर पर देख रहा है जो हाल के सप्ताह में गुरदासपुर और उधमपुर में दो आतंकी हमले और सीजफायर के लगातार उल्लंघन के बाद सामने आई है। कई पर्यवेक्षक इसे भारत के साथ किसी तरह की चर्चा का पाकिस्तानी सेना के विरोध के तौर पर देखते हैं। पिछले वर्ष इस्लामाबाद में विदेश सचिव स्तर की वार्ता से पहले पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा कश्मीरी अलगाववादियों के साथ विचार विमर्श करने पर भारत ने सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा था कि उनका देश ‘आजादी के वाजिब संघर्ष’ में कश्मीरियों का साथ नहीं छोड़ेगा और भारत के साथ सामान्य एवं सहयोगात्मक संबंध के लिए दशकों पुराने विवाद को सुलझाना जरूरी है।

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