Indian VIP Culture: देश में ऐसी सोच बन गई है कि जिसकी सुरक्षा जितनी बड़ी होती है उसे उतना ही बड़ा आदमी माना जाता है, जिसके काफिल में जितनी पुलिस की गाड़ियां होंगी, जिसके साथ जितने बॉडीगार्ड होंगे वो उतना बड़ा आदमी होगा.
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VIP Culture in India: आज आजादी के 78 साल बीत चुके हैं. लेकिन आज भी देश में हर रोज आप और हम VIP कल्चर के बारे में सुनते और देखते हैं. हमारे देश में हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई-जैन-बुद्ध सहित 8 से ज्यादा धर्म हैं. लेकिन आप जब सड़क पर निकलते हैं तो आपको दो ही धर्म देखने को मिलते होंगे.
एक धर्म खास लोगों यानी वीआईपी का है और दूसरा धर्म आम लोगों का है. ये धर्म आपको मॉल में, एयरपोर्ट पर, रेलवे स्टेशन पर, हाईवे पर, हॉस्पिटल और क़ॉलेज में भी दिखाई देगा. हर जगह VIP के लिए अलग से इंतजाम होता है. दूसरी तरफ आम लोग है जिनको हर जगह लंबी-लंबी कतारों मे अपनी बारी की प्रतीक्षा करनी पड़ती हैं.
भारत में 6 लाख लोग VIP
आज 1 अरब 46 करोड़ 38 लाख 65 हजार की जनसंख्या वाले इस देश में 6 लाख से ज्यादा लोग VIP होने का मजा ले रहे हैं. VIP कल्चर को लेकर हमेशा से विवाद होता रहा है. ताजा मामला शाहरुख खान के एक वायरल वीडियो का है. ये वायरल वीडियो कब का है इसकी पुष्टि तो नहीं हो रही है लेकिन इस वीडियो को लेकर काफी विवाद शुरू हो चुका है. ये वीडियो एक एयरपोर्ट का है. इस वीडियो में शाहरूख खान को 15 से ज्यादा CISF के जवान सुरक्षा घेरा बनाकर ले जा रहे हैं. एयरपोर्ट देश की सबसे सुरक्षित जगह होता है. वहां CISF के जवानों को एक VIP को ऐसी देते हुए देखकर भारतीय सेना से रिटायर्ड कई वरिष्ठ अधिकारियों ने कड़ी अलोचना की. उनका कहना है कि ये एक तरह से वर्दी का अपमान है और जवानों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.
#DNAWithRahulSinha | आज VIP सोच वाला 'सफेद तौलिया' उतरने वाला है! 'VIP कल्चर' के खिलाफ आर-पार की जंग कब होगी?#DNA #VIPCulture @RahulSinhaTV pic.twitter.com/HPUln6qPp7
— Zee News (@ZeeNews) April 18, 2025
शाहरुख पर CISF ने दी सफाई
जब इस मामले में विवाद बढ़ा तो CISF ने ट्वीट करके सफाई दी, ''शाहरुख खान एक प्रसिद्ध फिल्मी हस्ती हैं, जिनके बहुत सारे प्रशंसक हैं. हमेशा उनके चारों ओर लोगों की भीड़ जमा होने की संभावना होती है, जिससे दूसरों को असुविधा होती है. पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी दुर्घटना की संभावना को रोकने के लिए CISF की एक टीम तैनात की गई थी.'' लेकिन क्या CISF की ये दलील सही है.
क्या शाहरूख खान को एयरपोर्ट पर ऐसी सुरक्षा की जरूरत थी. जब हम कहते हैं कि एयरपोर्ट सबसे सुरक्षित जगह है तो फिर शाहरूख खान को कैसे दिक्कत हो सकती है. अगर जरूरत थी तो केवल 1-2 सुरक्षा कर्मी भेजे जा सकते थे.
आम लोग धक्के खा रहे, VIP ले रहे मजा
सोचिए जरा, जिस समय 15 CISF के जवान एयरपोर्ट पर शाहरूख खान को सुरक्षा दे रहे थे उस समय उसी एयरपोर्ट पर हजारों आम यात्री लाइन में खड़े होंगे. आम लोगों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं है. पूरे पैसे देकर टिकट ले रहे हैं लेकिन एयरपोर्ट में एंट्री से लेकर, बोर्डिंग पास लेने और सुरक्षा जांच तक लाइन में उन्हें खड़ा रहना पड़ता है. लेकिन देश के VIP जिनके लिए अलग से रास्ता बना है मजे से हाथ हिलाते हुए, मुस्कुराते हुए चले जाते हैं.
दरअसल ये पूरा मामला सोच का है. देश में ऐसी सोच बन गई है कि जिसकी सुरक्षा जितनी बड़ी होती है उसे उतना ही बड़ा आदमी माना जाता है, जिसके काफिल में जितनी पुलिस की गाड़ियां होंगी, जिसके साथ जितने बॉडीगार्ड होंगे वो उतना बड़ा आदमी होगा.
धर्मगुरु और इंफ्यूएंसर भी VIP
भारत में आज करीब 6 लाख VIP हैं. इसमें नौकरशाह, फिल्म स्टार, क्रिकेटर, सैन्य-पुलिस अधिकारी, बिजनेसमैन, जज शामिल हैं. रिटायर्ड नौकरशाह, पूर्व विधायक-सांसद भी VIP है. आज तो धर्मगुरुओं से लेकर इंफ्लूएंसर तक VIP सुविधा का लुत्फ उठा रहे हैं. आम आदमी तो बस लाइन में लगा है, टैक्स दे रहा है. अब सोच रहे होंगे ऐसा तो पूरी दुनिया में होता होगा. लेकिन अब जो हम बताने जा रहे हैं उसको सुनकर आप चौंक जाएंगे. दुनिया की महाशक्ति अमेरिका में केवल 252 VIP हैं लेकिन भारत में 6 लाख से ज्यादा VIP हैं.
किस देश में कितने VIP?
फ्रांस में 109 VIP. विकसित देश Japan में मात्र 125 VIP, रूस में 312 VIP, जर्मनी में 142 और ऑस्ट्रेलिया में 205 VIP हैं. चीन जिसकी जनसंख्या भारत से थोड़ा ही कम है वहां भी केवल 435 VIP हैं. दिलचस्प ये है कि हमारे देश में दो तरह के VIP हैं. एक हैं VIP यानी Very Important Person और दूसरा उससे भी बड़ा VVIP यानी Very Very Important Person.
आज VIP और VVIP को X, Y, Y+, Z, Z+ जैसी अलग-अलग सुरक्षाएं दी जाती है । इसके अलावा अलग-अलग राज्यों की अपनी-अपनी सुरक्षा भी होती है. VIP और VVIP लोगों को सुरक्षा खतरे और जिम्मेदारियों को ध्यान में रख दिया जाता है. देश के VIP को सुरक्षा देना जरूरी है. लेकिन आज ये एक सोच बन चुकी है और इसके खिलाफ एक सख्त मुहिम चलाने की जरूरत है क्योंकि देश के 6 लाख लोग देश के आम लोगों के टैक्स के पैसे पर वीआईपी वाली सुविधा ले रहे हैं.